18 अप्रैल 2025
कर्नाटक हाईकोर्ट
ने वक्फ अधिनियम में संशोधन के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर राज्य सरकार
को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने गुरुवार को पूछा कि जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट
में चल रहा है, तो सरकार ने प्रदर्शन की अनुमति
क्यों दी?
क्या कहा हाईकोर्ट
ने?
न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना ने कहा –
“जब वक्फ
अधिनियम से संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, तो
ऐसे में विरोध प्रदर्शन की इजाजत देना गलत है।”
अदालत ने राज्य
सरकार को सख्त निर्देश दिए कि ऐसे प्रदर्शनों से सड़कें बाधित न हों और यदि
प्रदर्शन करना है तो वो केवल तय जगहों पर और सरकारी अनुमति के साथ ही हो।
मामला कैसे आया
अदालत में?
मंगलुरु
के निवासी राजेश ए ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने शहर के पुलिस
आयुक्त द्वारा भेजे गए एक संदेश को चुनौती दी थी,
जिसमें निजी बस ऑपरेटरों और राज्य परिवहन निगम को शुक्रवार को दोपहर
12 बजे से रात 9 बजे तक राष्ट्रीय
राजमार्ग 73 के एक हिस्से पर सेवाएं रोकने की
सलाह दी गई थी।
याचिकाकर्ता ने कहा
कि इससे आवश्यक सार्वजनिक परिवहन बाधित हुआ और आम जनता को परेशानी झेलनी
पड़ी। उनके वकीलों – हेमंत आर. राव और लीलेश कृष्ण – ने कोर्ट में दलील दी कि यह
प्रशासनिक आदेश बिना ठोस कारण के दिया गया।
सरकार ने क्या कहा?
राज्य सरकार की तरफ से जवाब आया कि शुरुआती आदेश में बदलाव किया गया
है और अब सामान्य यातायात बना रहेगा। सिर्फ भारी और मध्यम वाणिज्यिक वाहनों
को वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी गई है ताकि कोई अप्रिय स्थिति न बने।
अब आगे क्या?
हाईकोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल को करेगा। अदालत ने दो टूक कहा है कि बिना अनुमति कोई प्रदर्शन नहीं हो
सकता और सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी आंदोलन से आम जनता को परेशानी
न हो।