19 अप्रैल 2025
इलाहाबाद हाईकोर्ट
ने उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में स्थित मदीना मस्जिद को गिराने की कार्यवाही
पर फिलहाल रोक लगा दी है। अदालत ने साफ किया कि
अगली सुनवाई 23 मई 2025 तक
मस्जिद पर कोई बुलडोजर नहीं चलेगा।
हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
न्यायमूर्ति मनीष
कुमार निगम की एकल पीठ ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करते
हुए दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि जब तक
मामला पूरी तरह से नहीं सुना जाता, तब तक
मस्जिद को गिराने की कार्रवाई पर रोक रहेगी।
वक्फ समिति ने लगाई थी गुहार
यह याचिका वक्फ
सुन्नी मदीना मस्जिद समिति के अध्यक्ष हैदर अली द्वारा दायर की गई थी।
उन्होंने जिला प्रशासन के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें
मस्जिद को ग्राम सभा की जमीन पर अतिक्रमण बताते हुए गिराने का निर्देश दिया गया
था।
सुनवाई का नहीं मिला मौका: याचिकाकर्ता
याचिका में दावा
किया गया कि 22 अगस्त 2024 को गिराने का आदेश बिना उचित सुनवाई के पारित कर दिया गया।
पूरी प्रक्रिया मात्र 26 दिनों में पूरी कर दी गई
और मस्जिद पक्ष को अपने पक्ष में सबूत देने का मौका तक नहीं दिया गया।
क्या है मस्जिद का
इतिहास?
फतेहपुर के मलवां
थाना क्षेत्र की कोटिया रोड पर स्थित मदीना मस्जिद 1976
में सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा आवंटित जमीन पर बनाई गई थी।
तब से अब तक यहां नियमित रूप से नमाज होती रही है। हालांकि,
पिछले कुछ सालों से ये मस्जिद विवादों में रही है और कानूनी
झगड़े चलते आ रहे हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट
का ये फैसला मदीना मस्जिद के लिए फिलहाल राहतभरा है। अगली सुनवाई 23
मई को होगी, तब तक मस्जिद के खिलाफ कोई भी
ध्वस्तीकरण कार्रवाई नहीं की जा सकेगी।