मुख्य बिंदु:
- सुप्रीम कोर्ट ने 24
मई 2025 को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों
(CAPFs) के लिए कैडर समीक्षा का आदेश दिया, जिसमें ITBP, BSF, CRPF, CISF, और SSB शामिल हैं।
- यह समीक्षा 2021
में होनी थी, और इसे 6 महीनों के भीतर पूरा करना होगा।
- आदेश में IPS
अधिकारियों की डिप्यूटेशन को धीरे-धीरे कम करने और CAPFs
को "ऑर्गेनाइज्ड ग्रुप ए सर्विसेज" के रूप
में मान्यता देने का प्रावधान है।
- यह कदम पदोन्नति में सुधार और
करियर विकास को बढ़ावा देने के लिए है, जिससे
लगभग 13,000 अधिकारी लाभान्वित होंगे।
आदेश
का संक्षिप्त विवरण: सुप्रीम कोर्ट ने CAPFs
के अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसमें कैडर समीक्षा और भर्ती नियमों में संशोधन शामिल है। यह आदेश
पदोन्नति में विलंब को दूर करने और आंतरिक करियर प्रगति को बढ़ाने के लिए है। IPS
अधिकारियों की डिप्यूटेशन को 2 वर्षों में कम
करने का भी निर्देश दिया गया है, जिससे CAPF अधिकारियों को अधिक प्रशासनिक भूमिकाओं में भाग लेने का अवसर मिलेगा।
प्रभाव
और महत्व: यह आदेश CAPFs के अधिकारियों के लिए लंबे समय से लंबित मांगों, जैसे
गैर-कार्यात्मक वित्तीय अपग्रेडेशन (NFFU) और कैडर पुनर्गठन,
को संबोधित करता है। यह सुनिश्चित करेगा कि पदोन्नति की प्रक्रिया
तेज हो और करियर में अवरोध कम हो।
सुप्रीम कोर्ट का CAPFs में कैडर समीक्षा आदेश
सुप्रीम
कोर्ट ने 24 मई 2025 को एक
ऐतिहासिक निर्णय में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) के
लिए कैडर समीक्षा का आदेश दिया, जो भारत की आंतरिक सुरक्षा
और सीमा सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह आदेश कई लंबित मांगों को
संबोधित करता है और CAPF अधिकारियों के करियर विकास को
बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
पृष्ठभूमि और आदेश की तारीख
आदेश
24
मई 2025 को जारी किया गया था, जो "संजय प्रकाश एंड ऑर्स. वर्षस्. यूनियन ऑफ इंडिया एंड ऑर्स."
(सिविल अपील संख्या 13104 ऑफ 2024) मामले
में दिया गया था। यह निर्णय जस्टिस ए.एस. ओका और जस्टिस उज्जल भुयान की बेंच
द्वारा सुनाया गया, जो CAPF अधिकारियों
की लंबी कानूनी लड़ाई का परिणाम है, जो 2015 से दिल्ली उच्च न्यायालय और फिर 2019 में सुप्रीम
कोर्ट में चल रही थी।
शामिल बल और मान्यता
आदेश
में निम्नलिखित CAPFs को शामिल किया गया है:
- इंडो-तिब्बती सीमा पुलिस (ITBP)
- बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF)
- सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF)
- सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी
फोर्स (CISF)
- सशस्त्र सीमा बल (SSB)
इन
सभी को अब "ऑर्गेनाइज्ड ग्रुप ए सर्विसेज" (OGAS) के रूप में मान्यता दी गई है, जो उन्हें भारतीय
विदेश सेवा और भारतीय राजस्व सेवा (IRS) जैसे अन्य संगठित
सेवाओं के समान लाभ प्रदान करता है। यह मान्यता विशेष रूप से 1986 से बैचों के ग्रुप ए अधिकारियों के लिए लागू होती है, जिससे लगभग 13,000 अधिकारी लाभान्वित होंगे।
कैडर समीक्षा और समयसीमा
कैडर
समीक्षा,
जो 2021 में होनी थी, को
अब 6 महीनों के भीतर पूरा करना होगा, अर्थात
24 नवंबर 2025 तक। इसके अलावा, भर्ती नियमों में संशोधन भी 6 महीनों के भीतर करना
होगा, जो 12 जुलाई 2019 के DoPT कार्यालय ज्ञापन के अनुरूप होगा। DoPT
को मानव संसाधन मंत्रालय (MHA) से कार्रवाई की
रिपोर्ट प्राप्त होने के 3 महीने के भीतर इस पर निर्णय लेना
होगा।
IPS डिप्यूटेशन में कमी
आदेश
में एक महत्वपूर्ण प्रावधान IPS अधिकारियों की
डिप्यूटेशन को धीरे-धीरे कम करना है, विशेष रूप से सीनियर
एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड (SAG) स्तर तक। वर्तमान में,
DIG पदों का 20% और IG पदों
का 50% IPS अधिकारियों के लिए आरक्षित है। सुप्रीम कोर्ट ने
निर्देश दिया है कि इन डिप्यूटेशन पोस्ट को 2 वर्षों के भीतर
कम किया जाए, जिससे CAPF अधिकारियों को
अधिक प्रशासनिक भूमिकाओं में भाग लेने का अवसर मिलेगा। यह कदम कैडर ठहराव (stagnation)
को कम करने और आंतरिक पदोन्नति को बढ़ावा देने के लिए है।
पदोन्नति में विलंब और समस्याएं
आदेश
के पीछे एक प्रमुख कारण CAPF अधिकारियों की पदोन्नति
में लंबा समय लगना है। वर्तमान में, एक असिस्टेंट कमांडेंट (AC)
को कमांडेंट तक पदोन्नत होने में 25 वर्ष लगते
हैं, जबकि इसे 13 वर्ष होना चाहिए। इसी
तरह, DIG रैंक तक पहुंचने में 31 वर्ष
लगते हैं, जबकि इसे 21 वर्ष होना
चाहिए। यह विलंब करियर विकास में बाधा डालता है और कई अधिकारियों को नौकरी छोड़ने
के लिए प्रेरित करता है। यह आदेश इन मुद्दों को संबोधित करने का प्रयास करता है।
संबंधित मुद्दे और मांगें
आदेश
ने कई संबंधित मुद्दों को भी संबोधित किया, जिनमें
शामिल हैं:
- गैर-कार्यात्मक वित्तीय
अपग्रेडेशन (NFFU): 2006 में छठे
केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत पेश किया गया, यह
वित्तीय अपग्रेडेशन सुनिश्चित करता है जब रिक्तियां उपलब्ध नहीं होतीं।
- कैडर पुनर्गठन:
CAPFs की संरचना को अधिक कुशल बनाने के लिए।
- भर्ती नियमों में संशोधन:
IPS डिप्यूटेशन को समाप्त करने और आंतरिक पदोन्नति को बढ़ावा
देने के लिए।
याचिकाकर्ताओं
ने OGAS
के रूप में मान्यता, NFFU, कैडर समीक्षा,
और पदोन्नति के समान अवसरों की मांग की थी, जो
इस आदेश में पूरी हुई है।
सुनवाई
और भागीदारी
आदेश
में यह भी निर्देश दिया गया है कि कैडर समीक्षा और सेवा नियमों की समीक्षा के
दौरान प्रत्येक CAPF के कैडर अधिकारियों के
प्रतिनिधियों को सुनवाई दी जानी चाहिए। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी हितधारकों की
राय शामिल हो और निर्णय पारदर्शी हो।
प्रभाव और महत्व
यह
आदेश CAPF
अधिकारियों के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, जो
लंबे समय से पदोन्नति और करियर विकास में बाधाओं का सामना कर रहे थे। यह न केवल
उनकी वित्तीय और प्रशासनिक स्थिति में सुधार करेगा, बल्कि
उनकी प्रेरणा और रिटेंशन को भी बढ़ाएगा। विशेष रूप से, यह उन
13,000 अधिकारियों के लिए महत्वपूर्ण है जो अब OGAS के लाभों का आनंद ले सकेंगे, जिसमें बेहतर पदोन्नति
और वेतन संरचना शामिल है।
आदेश के मुख्य बिंदु
विवरण |
जानकारी |
आदेश
की तारीख |
24
मई 2025 |
शामिल
बल |
ITBP,
BSF, CRPF, CISF, SSB |
कैडर
समीक्षा की समयसीमा |
6
महीने (24 नवंबर 2025 तक) |
DoPT
का निर्णय |
MHA
से रिपोर्ट प्राप्त होने के 3 महीने के भीतर |
IPS
डिप्यूटेशन में कमी |
SAG
स्तर तक, 2 वर्षों में धीरे-धीरे |
लाभार्थी
अधिकारी |
लगभग
13,000 |
संबंधित
मुद्दे |
NFFU,
कैडर पुनर्गठन, भर्ती नियमों में संशोधन |
निष्कर्ष
सुप्रीम
कोर्ट का यह आदेश CAPF अधिकारियों के लिए एक
महत्वपूर्ण राहत है, जो लंबे समय से पदोन्नति और करियर विकास
में बाधाओं का सामना कर रहे थे। यह आदेश न केवल उनकी वित्तीय और प्रशासनिक स्थिति
में सुधार करेगा, बल्कि उनकी प्रेरणा और रिटेंशन को भी
बढ़ाएगा। यह भारत की आंतरिक और सीमा सुरक्षा बलों की दक्षता और प्रभावशीलता को
बढ़ाने में मदद करेगा।