एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) वह पहला दस्तावेज होता है, जो किसी अपराध की जानकारी पुलिस को दी जाती है। लेकिन कई बार पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करती या उसे खारिज कर देती है। इसके पीछे कई सामान्य कारण हो सकते हैं आइये जिन्हे हम जानने का प्रयास करे।
असंज्ञेय अपराध (Non-Cognizable
Crime)
- क्या होता है?
कुछ अपराध "असंज्ञेय" होते हैं, यानी पुलिस बिना मजिस्ट्रेट के आदेश के न तो जांच शुरू कर सकती है और
न ही किसी को गिरफ्तार कर सकती है।
- उदाहरण:
छोटी-मोटी मारपीट, गाली-गलौज, या कुछ संपत्ति विवाद।
- क्यों खारिज?
ऐसे मामलों में पुलिस सीधे एफआईआर दर्ज करने की बजाय शिकायत को
"NCR (Non-Cognizable Report) शिकायत" के रूप में
दर्ज करती है और आगे की कार्रवाई के लिए कोर्ट का इंतजार करती है।
अधिकार क्षेत्र का
अभाव (Lack of Jurisdiction)
- क्या होता है?
अगर अपराध उस इलाके में नहीं हुआ, जहां
आप एफआईआर दर्ज कराने गए हैं, तो पुलिस उसे दर्ज नहीं
करेगी।
- उदाहरण:
अगर दिल्ली में चोरी हुई, लेकिन आप मुंबई
के थाने में शिकायत लेकर गए।
- क्यों खारिज?
हर पुलिस स्टेशन का एक निश्चित क्षेत्र होता है। अगर घटना उनके
क्षेत्र से बाहर की है, तो वे आपको सही थाने में जाने
को कहेंगे।
अधूरी या अस्पष्ट
जानकारी (Incomplete Information)
- क्या होता है?
अगर आपकी शिकायत में जरूरी जानकारी जैसे अपराध की तारीख,
समय, जगह, अपराधी
का नाम, या घटना का विवरण नहीं है, तो पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करेगी।
- उदाहरण:
आप कहते हैं, "किसी ने मेरी जेब काट
ली," लेकिन यह नहीं बताते कि कब और कहां हुआ।
- क्यों खारिज?
पुलिस को जांच शुरू करने के लिए साफ और पूरी जानकारी चाहिए।
अधूरी जानकारी से वे कार्रवाई नहीं कर सकते।
प्रथम दृष्टया
साक्ष्य का अभाव (No Prima Facie Evidence)
- क्या होता है?
अगर आपकी शिकायत से ऐसा नहीं लगता कि कोई अपराध हुआ है,
तो पुलिस एफआईआर दर्ज करने से मना कर सकती है।
- उदाहरण:
आप कहते हैं कि "मेरा पड़ोसी मुझे धमकी दे रहा है,"
लेकिन कोई गवाह या सबूत नहीं है।
- क्यों खारिज?
पुलिस को कम से कम शुरुआती सबूत चाहिए कि अपराध हुआ है। बिना
सबूत के वे एफआईआर दर्ज नहीं करते।
झूठी या
दुर्भावनापूर्ण शिकायत (False or Malicious Complaint)
- क्या होता है?
अगर पुलिस को लगता है कि शिकायत झूठी है या किसी को परेशान
करने के लिए की गई है, तो वे उसे खारिज कर सकते हैं।
- उदाहरण:
कोई पुरानी दुश्मनी के कारण किसी पर गलत इल्जाम लगाता है।
- क्यों खारिज?
पुलिस ऐसी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेती, क्योंकि यह समय और संसाधनों की बर्बादी हो सकती है।
सिविल विवाद (Civil
Dispute)
- क्या होता है?
अगर मामला आपराधिक नहीं, बल्कि सिविल
(जैसे संपत्ति, पैसे, या
पारिवारिक विवाद) है, तो पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करेगी।
- उदाहरण:
किराएदार और मकान मालिक के बीच झगड़ा, या
भाई-बहन में संपत्ति का बंटवारा।
- क्यों खारिज?
सिविल मामलों का समाधान कोर्ट में होता है, न कि पुलिस थाने में। पुलिस ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं करती।
मामूली या तुच्छ
मामला (Minor or Trivial Issue)
- क्या होता है?
अगर शिकायत बहुत छोटी या मामूली है, तो
पुलिस उसे एफआईआर के लायक नहीं मानती।
- उदाहरण:
पड़ोसी का जोर से गाना बजाना या छोटी-मोटी बहस।
- क्यों खारिज?
पुलिस ऐसे मामलों को सुलझाने के लिए दूसरी सलाह देती है,
जैसे पंचायत या मध्यस्थता, क्योंकि ये
एफआईआर के लिए गंभीर नहीं होते।
पहले से चल रही
जांच (Pending Investigation)
- क्या होता है?
अगर उसी अपराध के लिए पहले से एफआईआर दर्ज है या जांच चल रही
है, तो नई एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी।
- उदाहरण:
अगर चोरी की एक ही घटना के लिए दो लोग अलग-अलग एफआईआर दर्ज
कराने आएं।
- क्यों खारिज?
एक ही मामले में बार-बार एफआईआर दर्ज करना कानूनन सही नहीं है।
शिकायतकर्ता द्वारा
वापसी (Voluntary Withdrawal)
- क्या होता है?
अगर शिकायत करने वाला बाद में अपनी शिकायत वापस ले लेता है या
कहता है कि वह एफआईआर नहीं चाहता, तो पुलिस उसे दर्ज
नहीं करती।
- उदाहरण:
कोई गुस्से में शिकायत करता है, लेकिन
बाद में समझौता कर लेता है।
- क्यों खारिज?
अगर शिकायतकर्ता खुद आगे नहीं बढ़ना चाहता, तो पुलिस कार्रवाई नहीं करती।
कानूनी प्रतिबंध (Legal
Restrictions)
- क्या होता है?
कुछ खास कानून या नियम पुलिस को एफआईआर दर्ज करने से रोक सकते
हैं।
- उदाहरण:
कुछ मामलों में, जैसे मानहानि, पहले कोर्ट की अनुमति चाहिए।
- क्यों खारिज?
कानून के तहत पुलिस हर मामले में सीधे एफआईआर दर्ज नहीं कर
सकती।
क्या करें अगर
एफआईआर दर्ज न हो?
- सही जानकारी दें:
सुनिश्चित करें कि आपकी शिकायत में पूरी और सही जानकारी हो।
- सही थाने जाएं:
अपराध जहां हुआ, उसी क्षेत्र के थाने में
शिकायत करें।
- लिखित शिकायत दें:
अगर पुलिस मौखिक शिकायत पर ध्यान न दे, तो
लिखित में शिकायत दें।
- वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क करें:
अगर थाना प्रभारी एफआईआर दर्ज नहीं करता, तो एसपी (पुलिस अधीक्षक) या डीसीपी से शिकायत करें।
- कोर्ट का सहारा लें:
अगर पुलिस फिर भी एफआईआर दर्ज नहीं करती, तो आप मजिस्ट्रेट के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं (BNSS की धारा 173(4)
के तहत)।
सारांश
एफआईआर खारिज होने
या दर्ज न होने के मुख्य कारण हैं: असंज्ञेय अपराध, गलत
थाना, अधूरी जानकारी, सबूतों की कमी,
झूठी शिकायत, सिविल मामला, छोटा मुद्दा, पहले से चल रही जांच, शिकायतकर्ता की वापसी, या कानूनी रोक। अगर आपकी
शिकायत सही है और पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही, तो आप
वरिष्ठ अधिकारियों या कोर्ट की मदद ले सकते हैं।