नई दिल्ली |
6 अप्रैल 2025
वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर देश
की राजनीति में हलचल मच गई है। यह बिल संसद के दोनों सदनों — लोकसभा और
राज्यसभा — से पास हो चुका है, लेकिन
अब इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। AIMIM सांसद
असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद
ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें इस विधेयक
को संविधान के खिलाफ बताया गया है।
क्या है विवाद?
वक्फ संशोधन विधेयक
को लेकर कांग्रेस, AIMIM और कई मुस्लिम
संगठनों ने विरोध जताया है। उनका कहना है कि
इस बिल से वक्फ की संपत्तियों पर सरकार का सीधा नियंत्रण बढ़ेगा,
जो मौलिक अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है।
कांग्रेस सांसद
प्रमोद तिवारी ने कहा,
"यह बिल संसद से तो पास हो गया है, लेकिन
अब इसे कानूनी लड़ाई से गुजरना होगा। यह संविधान के खिलाफ है और हम कोर्ट में इसका
विरोध करेंगे।"
कांग्रेस संसदीय दल
की प्रमुख सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार
ने यह विधेयक जल्दबाज़ी और मनमाने ढंग से पारित कराया है। उन्होंने कहा,
"यह बिल संविधान पर सीधा हमला है और समाज में स्थायी
ध्रुवीकरण की एक साजिश का हिस्सा है।"
उनकी इस टिप्पणी पर
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने अप्रत्यक्ष रूप से जवाब देते हुए कहा कि,
"ऐसी टिप्पणियाँ संसदीय मर्यादा के खिलाफ हैं।"
- लोकसभा में:
पक्ष में: 288 वोट
विपक्ष में: 232 वोट - राज्यसभा में:
पक्ष में: 128 वोट
विपक्ष में: 95 वोट
इन आंकड़ों से यह
साफ है कि बिल बहुमत से पास हुआ है।
मोहम्मद जावेद,
कांग्रेस के सांसद हैं और बिहार की किशनगंज लोकसभा सीट से
चुने गए हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि वक्फ संशोधन
अधिनियम संविधान के कई प्रावधानों का उल्लंघन करता है और धार्मिक अल्पसंख्यकों
के अधिकारों को प्रभावित करता है।
अब यह मामला सुप्रीम
कोर्ट में लंबित है। देखना होगा कि देश की सबसे बड़ी अदालत इस विवादास्पद
विधेयक पर क्या फैसला सुनाती है।