नई दिल्ली | 6 अप्रैल 2025
दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी के दो क्लब
मालिकों पर लगे गंभीर आरोपों को बरकरार रखा है। इन पर नाबालिगों को शराब और
हुक्का परोसने, सबूत मिटाने, और सीसीटीवी फुटेज हटाने जैसे संगीन आरोप हैं। अदालत ने साफ कहा कि
क्लब मालिकों की जिम्मेदारी थी कि उनके क्लब किसी अवैध गतिविधि का केंद्र न बनें।
जस्टिस स्वर्ण
कांता शर्मा ने आदेश देते हुए कहा,
“नाबालिगों को नशीले पदार्थ देना, सबूतों
को मिटाना और लापता बच्चों की जानकारी छिपाना कोई छोटी लापरवाही नहीं है, बल्कि यह कानून की सीधी अनदेखी है।”
13 साल की लड़की के लापता होने से खुला मामला
यह मामला अक्टूबर
2019 में तब सामने आया जब 13 साल की एक लड़की लापता हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में अपहरण का केस दर्ज किया था। बाद
में 25 दिसंबर 2019 को पुलिस ने
उसे एक 10 साल की बच्ची के साथ खोज निकाला।
पीड़िता ने पुलिस
और मजिस्ट्रेट के सामने बताया कि वह अक्सर नेताजी सुभाष प्लेस के दो क्लबों में
जाया करती थी, जहाँ उसे शराब और हुक्का
परोसा जाता था। उसने यह भी बताया कि एक युवक ने उसके साथ शारीरिक संबंध
बनाए और उसे एक बाउंसर के जरिए एक महिला के घर भेजा गया था, जहां उसके रहने की व्यवस्था की गई।
मोबाइल नंबर ट्रेस कर निकाली गई सच्चाई
जांच के दौरान
पुलिस ने उस महिला का मोबाइल नंबर ट्रेस किया, जिसने
लड़की को बाद में घर लौटने में मदद की। पूछताछ में यह भी सामने आया कि क्लब
मालिक जानबूझकर नाबालिगों को आकर्षित करते थे, ताकि कमाई
बढ़ाई जा सके। इस मामले में POCSO एक्ट, शराब अधिनियम, और सबूत नष्ट करने के तहत केस
दर्ज किया गया।
हाईकोर्ट ने याचिका खारिज की
दोनों क्लब मालिकों
ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी,
लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने
कहा कि आरोप तय करने के लिए अभियोजन पक्ष की ओर से पेश सबूत पर्याप्त हैं और
पूरी पड़ताल अब ट्रायल में होगी।
सीसीटीवी फुटेज जानबूझकर हटाई गई
अदालत ने यह भी बताया कि जांच को भटकाने के लिए क्लब मालिकों ने सीसीटीवी रिकॉर्डिंग जानबूझकर हटा दी। यह दर्शाता है कि वे सच को छिपाना चाहते थे।
"इस मामले ने एक बार
फिर दिखाया है कि नाबालिगों की सुरक्षा को लेकर समाज और व्यवस्था दोनों को
सतर्क रहने की जरूरत है। कोर्ट का यह फैसला कानून के सख्त पालन और बच्चों
की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की दिशा में एक अहम कदम है।"