18 अप्रैल 2025
दिल्ली हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को एक अहम आदेश देते हुए कहा कि अगर
राजधानी को मानसून में बाढ़ से बचाना है, तो नालों की तुरंत
सफाई करना जरूरी है। खासतौर पर तैमूर नगर के नाले में बने अतिक्रमण को
हटाने और उसकी सफाई का काम एक महीने के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
हाईकोर्ट की जस्टिस
प्रतिभा एम सिंह और जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने कहा कि दिल्ली के लोग
बहुत ही खराब हालात में रह रहे हैं। कई लोग मजबूरी में नाले के ऊपर झुग्गियों में
रह रहे हैं, जिससे नाले का पानी बह नहीं पा रहा है
और बाढ़ का खतरा बना रहता है।
अवैध निर्माण हटाने के आदेश
कोर्ट ने साफ कहा
कि नाले के ऊपर बसी अवैध कॉलोनियों को नियमित नहीं किया जा सकता। नाले की चौड़ाई
में भारी अतिक्रमण हुआ है, जो दिल्ली सरकार, नगर निगम, जल बोर्ड और डीडीए की लापरवाही का नतीजा
है।
अब कोर्ट ने विशेष
कार्य बल (STF) को
आदेश दिया है कि नाले की सफाई और निर्माण कार्य तुरंत शुरू किया जाए। साथ ही जो भी
चीजें नाले में पानी के बहाव में रुकावट डालती हैं — चाहे वो झुग्गियां हों या
निर्माण — उन्हें हटाया जाए।
सभी विभागों को मिलकर करना होगा काम
कोर्ट ने दिल्ली
सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को 23
अप्रैल को संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाने के निर्देश दिए हैं।
इस बैठक में तय किया जाएगा कि अवैध निर्माणों को कैसे हटाया जाए और नाले को कैसे
चालू किया जाए।
कोर्ट ने यह भी कहा
कि पूरे इलाके की सुरक्षा और यातायात के लिए यह नाला चालू रहना बेहद जरूरी है।
इसलिए 28
अप्रैल को नाले को दुरुस्त करने की पूरी योजना अदालत में पेश करनी
होगी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने
साफ कर दिया है कि लोगों की सुरक्षा और शहर के भविष्य के साथ कोई समझौता नहीं किया
जा सकता। अब जिम्मेदार विभागों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है — बरसात आने से
पहले नालों की सफाई पूरी करना और बाढ़ से बचाव के लिए पुख्ता इंतज़ाम करना।