15 अप्रैल 2025
क्या अनुकंपा नियुक्ति नौकरी पाने का अधिकार है? इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने हालिया निर्णय में स्पष्ट किया कि अनुकंपा नियुक्ति का उद्देश्य मृतक कर्मचारी के परिवार को "अप्रत्याशित लाभ" देना नहीं, बल्कि केवल न्यूनतम जीविका सुनिश्चित करना है।
मामले की पृष्ठभूमि
चंचल
सोनकर,
जो कि भारतीय स्टेट बैंक में कार्यरत दिवंगत अनिल सोनकर की पत्नी
हैं, ने अनुकंपा नियुक्ति की मांग की थी। श्री सोनकर की
मृत्यु 2022 में हुई और उनका अंतिम मासिक वेतन ₹1,18,800
था।
चंचल
सोनकर ने अनुग्रह वित्तीय राहत योजना, 2022 के अंतर्गत आवेदन किया, जिसे बैंक ने यह कहते हुए
अस्वीकार कर दिया कि उनकी पारिवारिक मासिक आय मृतक के वेतन के अनुमेय प्रतिशत (75%)
से अधिक है।
न्यायालय की टिप्पणी और संवैधानिक विश्लेषण
अनुकंपा
नियुक्ति: निहित अधिकार नहीं
- न्यायमूर्ति अजय भनोट ने कहा कि
अनुकंपा नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 के तहत योग्यता आधारित भर्ती से एक
अपवाद है, नियम नहीं।
- यह एक संकीर्ण खिड़की है
जो सिर्फ तभी खुलती है जब परिवार तत्काल आर्थिक संकट में हो।
वित्तीय
परीक्षण अनिवार्य
- न्यायालय ने कहा कि केवल मृत्यु
होने से अनुकंपा नियुक्ति का दावा नहीं बनता।
- यदि परिवार की आय पर्याप्त है और
वह संकट में नहीं है, तो अनुकंपा
नियुक्ति का उद्देश्य समाप्त हो जाता है।
योजना और नियम
अनुग्रह
वित्तीय राहत योजना, 2022 (PSB Compassionate Appointment
Scheme):
- यदि परिवार में सिर्फ पत्नी/पति
और एक बच्चा हो, तो कुल आय मृतक के
अंतिम वेतन की 50% से कम होनी चाहिए।
- अन्य मामलों में यह सीमा 60%
है।
चंचल सोनकर के मामले में
पारिवारिक आय इन सीमाओं से अधिक थी, इसीलिए आवेदन अस्वीकृत
किया गया।
प्रमुख
टिप्पणियाँ (Court Observations)
"अनुकंपा नियुक्ति एक सहानुभूति से जुड़ी नीति है, न
कि संवैधानिक अधिकार।"
"इसका उद्देश्य है – रसोई की आग जलती रहे, न कि रोजगार की गारंटी देना।"
"न्यायपालिका को नीतियों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए जब
वे संविधान के अनुरूप हों।"
निष्कर्ष
इलाहाबाद
उच्च न्यायालय का यह निर्णय हमें याद दिलाता है कि अनुकंपा नियुक्ति संवेदनशील
मुद्दा है, लेकिन इसे एक विशेष नीति रूप में
देखा जाना चाहिए, न कि नौकरी पाने के विकल्प के रूप
में।
यह
फैसला अनुकंपा नीति की संवैधानिक वैधता, वित्तीय
परीक्षण, और नियमों की पारदर्शिता को बल देता है।
केस
विवरण
- केस संख्या:
रिट ए संख्या 1680/2025
- मामला:
चंचल सोनकर बनाम अध्यक्ष, भारतीय स्टेट
बैंक एवं अन्य
- निर्णय तिथि:
मार्च 2025
- न्यायाधीश:
माननीय न्यायमूर्ति अजय भनोट