27 फरवरी,
2002 को गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के S-6
कोच में आग लग गई थी, जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद गुजरात में बड़े पैमाने पर दंगे
हुए थे। इस मामले में कोर्ट ने कई लोगों को दोषी ठहराया और सजा सुनाई।
कोर्ट में क्या हुआ
था?
सत्र न्यायालय
(ट्रायल कोर्ट):
o सत्र
न्यायालय ने इस मामले में कई दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी।
गुजरात उच्च
न्यायालय (2017):
गुजरात हाई कोर्ट
ने 2017
में फैसला सुनाया:
§ 31
दोषियों की सजा को बरकरार रखा।
§ 11
दोषियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया।
गुजरात सरकार ने 11
दोषियों की सजा को उम्रकैद में बदलने के फैसले का विरोध किया और
सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
कुछ दोषियों ने भी
हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
सुप्रीम कोर्ट में
ताजा मामला (6 मई, 2025):
·
दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट
में एक याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया कि उनकी
अपील की सुनवाई दो जजों की पीठ नहीं कर सकती, क्योंकि
यह मामला मौत की सजा से जुड़ा है।
·
उनके वकील संजय हेगड़े ने
तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसले (सितंबर 2014)
के अनुसार, मौत की सजा से जुड़े मामलों की
सुनवाई तीन जजों की पीठ ही कर सकती है। उन्होंने लाल किला हमले के दोषी
मोहम्मद आरिफ के केस का उदाहरण दिया।
·
वकील ने यह भी कहा कि अगर
दो जजों की पीठ ने किसी को मौत की सजा दी, तो बाद
में तीन जजों की पीठ को फिर से सुनवाई करनी पड़ेगी, जो गलत
होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने
क्या फैसला दिया?
- सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की
याचिका को खारिज कर दिया।
- कोर्ट ने कहा:
- गुजरात हाई कोर्ट ने 11
दोषियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था।
इसलिए, अब यह मामला मौत की सजा से जुड़ा नहीं
है।
- सुप्रीम कोर्ट के नियम के अनुसार,
तीन जजों की पीठ केवल उन मामलों
में सुनवाई करती है, जहां हाई कोर्ट ने मौत की सजा
की पुष्टि की हो।
- चूंकि इस मामले में केवल ट्रायल
कोर्ट ने मौत की सजा दी थी और हाई कोर्ट ने इसे बदल दिया,
इसलिए दो जजों की पीठ ही सुनवाई कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट की दलील:
- जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस
अरविंद कुमार की पीठ ने कहा कि दोषियों का तर्क गलत है। हाई कोर्ट के फैसले
के बाद यह मामला अब मौत की सजा से संबंधित नहीं है,
इसलिए दो जजों की पीठ सुनवाई के लिए उपयुक्त है।
अब क्या होगा?
- दोषियों की याचिका खारिज होने के
बाद सुप्रीम कोर्ट में उनकी अपील की सुनवाई दो जजों की पीठ ही करेगी।
- गुजरात सरकार और दोषियों की अन्य
याचिकाओं पर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी, जिसमें हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- गोधरा कांड:
2002 में हुआ, 59 लोगों की मौत, दंगे भड़के।
- सजा:
ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा दी, हाई
कोर्ट ने 11 की सजा को उम्रकैद में बदला।
- सुप्रीम कोर्ट:
दोषियों की याचिका खारिज, दो जजों की पीठ
सुनवाई करेगी।
- नियम:
तीन जजों की पीठ केवल हाई कोर्ट द्वारा पुष्ट मौत की सजा के
मामलों में सुनवाई करती है।