26 अप्रैल 2025
वक्फ संशोधन बिल को लेकर चल रही चर्चा के बीच केंद्र सरकार ने
सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखी है। सरकार ने बताया कि वक्फ कानून में बदलाव की
जरूरत क्यों पड़ी। सरकार का कहना है कि 1923 के कानून में 'वक्फ बाय यूजर' नियम के तहत संपत्तियों को वक्फ
घोषित करने के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी था, लेकिन इसका गलत
इस्तेमाल हो रहा था। निजी और सरकारी संपत्तियों को वक्फ के नाम पर हड़पा जा रहा था,
जिसे रोकने के लिए यह बदलाव किया गया।
क्या है सरकार का तर्क?
- सरकार ने कहा कि 'वक्फ बाय यूजर' खत्म करने से मुस्लिम समुदाय के
वक्फ करने के अधिकार पर कोई असर नहीं पड़ा है। यह कदम सिर्फ कानून के
दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाया गया है।
- सरकार ने आरोप लगाया कि इस कानून
को चुनौती देने वाले लोग कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
- 5 सितंबर 2024 को संसदीय समिति को बताया गया कि 5,975 सरकारी
संपत्तियों को वक्फ घोषित किया जा चुका था। सरकार का कहना है कि पुराना कानून
संपत्ति हड़पने का "सुरक्षित ठिकाना" बन गया था।