26 अप्रैल 2025
सुप्रीम कोर्ट ने
भारतीय वायुसेना से पूछा है कि क्या सौतेली माँ को परिवार की पेंशन मिल सकती है।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने वायुसेना के सौतेली माँ
को पेंशन न देने के रवैये पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि ‘माँ’ का मतलब सिर्फ
जैविक माँ नहीं। अगर सौतेली माँ ने बच्चे को बचपन से पाला,
तो क्या वो माँ नहीं?
कोर्ट ने क्यों
जताई नाराजगी?
जस्टिस
सूर्यकांत ने वायुसेना के वकील से सवाल किया, “अगर
जैविक माँ की मृत्यु के बाद सौतेली माँ बच्चे को पालती है और वह सेना में अधिकारी
बनता है, तो क्या सौतेली माँ को पेंशन नहीं मिलनी चाहिए?”
वायुसेना के वकील ने कहा कि कई फैसलों में सौतेली माँ को पेंशन से
बाहर रखा गया है। इस पर कोर्ट ने कहा, “नियम हम तय करते हैं।
ये कोई संवैधानिक आदेश नहीं। हम इस नियम से सहमत नहीं।” कोर्ट ने वकीलों को बेहतर
तैयारी के साथ आने को कहा और सुनवाई 7 अगस्त तक टाल दी।
क्या है मामला?
जयश्री नाम की महिला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। जयश्री
ने अपने सौतेले बेटे हर्ष को उसकी जैविक माँ की मृत्यु के बाद पाला था। हर्ष
वायुसेना में शामिल हुआ, लेकिन उसकी मृत्यु के बाद जयश्री ने
पेंशन माँगी। वायुसेना ने सौतेली माँ होने के कारण पेंशन देने से इनकार कर दिया।
सशस्त्र बल ट्रिब्यूनल ने भी 10 दिसंबर 2021 को जयश्री के खिलाफ फैसला दिया। इसके बाद जयश्री ने सुप्रीम कोर्ट का रुख
किया।