अध्याय 2: पक्षकारों
के कार्य द्वारा सम्पत्ति-अंतरण के विषय में
अध्याय 2a: जंगम या स्थावर सम्पत्ति का अंतरण जिसमे धारा 5 से 34 को सम्मलित किया गया
है।
धारा 5:“संपत्ति के अंतरण” की परिभाषा ।
1. निम्नलिखित
धाराओं में संपत्ति के अंतरण से ऐसा कार्य अभिप्रेत है,
जिसके द्वारा कोई जीवित व्यक्ति वर्तमान या भविष्य में एक या अधिक
अन्य जीवित व्यक्तियों को, अथवा स्वयं को,
2. [अथवा स्वयं को] और एक या अधिक अन्य जीवित व्यक्तियों को संपत्ति
हस्तांतरित करता है; और संपत्ति का अंतरण करना ऐसा कार्य
करना है।
3. [इस धारा में "जीवित व्यक्ति" के अंतर्गत कोई कंपनी या
संगम या व्यष्टियों का निकाय है, चाहे वह निगमित हो या नहीं,
किन्तु इसमें अन्तर्विष्ट कोई बात कंपनियों, संगमों
या व्यष्टियों के निकायों को या उनके द्वारा संपत्ति के अन्तरण से संबंधित तत्समय
प्रवृत्त किसी विधि पर प्रभाव नहीं डालेगी।]
विशेष कथन
1. अध्याय II
की कोई भी बात मुहम्मदन कानून के किसी भी नियम को प्रभावित करने
वाली नहीं समझी जाएगी - देखें धारा 2, सुप्रा
1929 के
अधिनियम सं. 20 की धारा 6 द्वारा
अंतःस्थापित।
3. धारा 6
द्वारा जोड़ा गया,
आइये हम इसको सरल
भाषा में समझने का प्रयास करते है कि "संपत्ति का अंतरण" क्या होता है?
जब कोई जीवित
व्यक्ति (जैसे – आदमी, औरत,
कंपनी, संस्था आदि) कोई संपत्ति किसी
दूसरे जीवित व्यक्ति को वर्तमान या भविष्य में कानूनी रूप से
सौंपता या देता है, तो इसे "संपत्ति का अंतरण" कहा जाता है।
सरल शब्दों में:
"जब कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति किसी दूसरे को देता है — चाहे
अभी दे या भविष्य में देने का वादा करे — और वह व्यक्ति भी जीवित हो, तो यह संपत्ति का अंतरण है।"
धारा 5
क्या कहती है:
"संपत्ति
का अंतरण" से आशय है ऐसा कार्य, जिसके द्वारा कोई जीवित
व्यक्ति, वर्तमान या भविष्य में, एक या
अधिक अन्य जीवित व्यक्तियों को, या स्वयं को, या स्वयं को और अन्य व्यक्तियों को संपत्ति हस्तांतरित करता है।
"जीवित
व्यक्ति" में क्या आता है?
- कोई व्यक्ति (Individual)
- कोई कंपनी (Company)
- कोई संगठन या निकाय (Association
or body of individuals)
→ चाहे वह रजिस्टर्ड (incorporated) हो या न हो
लेकिन एक विशेष बात
इस धारा में जो कुछ
कहा गया है, वह उन विशेष कानूनों पर असर नहीं
डालेगा जो पहले से कंपनियों या संस्थाओं द्वारा संपत्ति के ट्रांसफर से
संबंधित बने हुए हैं।
इस धारा का
उद्देश्य क्या है?
- यह परिभाषा स्पष्ट करती है कि
"संपत्ति का अंतरण" एक कानूनी कार्य है,
जो केवल जीवित व्यक्तियों के बीच ही हो सकता है।
- मृत व्यक्ति या उनकी वसीयत (Will)
द्वारा किया गया हस्तांतरण इसमें नहीं आता — वह अलग प्रक्रिया
है (जैसे उत्तराधिकार, या वसीयत द्वारा हस्तांतरण)।
- यह परिभाषा संपत्ति के ट्रांसफर
को कानूनी और व्यवस्थित रूप में समझने के लिए दी गई है।
महत्वपूर्ण बिंदु (Key
Points) संक्षेप में:
1 |
बिंदु |
विवरण |
2 |
क्या
है? |
संपत्ति
को एक जीवित व्यक्ति से दूसरे जीवित व्यक्ति को कानूनी रूप से देना |
3 |
कौन
दे सकता है? |
कोई
भी जीवित व्यक्ति, कंपनी या संस्था |
4 |
किसे
दिया जा सकता है? |
दूसरे
जीवित व्यक्ति, या स्वयं को व अन्य को |
5 |
कब? |
वर्तमान
में या भविष्य में |
6 |
"जीवित व्यक्ति" में कौन-कौन? |
व्यक्ति,
कंपनी, संगठन (चाहे रजिस्टर्ड हो या नहीं) |
7 |
क्या
इसमें मुस्लिम कानून भी शामिल है? |
नहीं
धारा 2 कहती
है कि यह "मुहम्मदन लॉ" को प्रभावित नहीं करेगा |
उदाहरण 1:
राम ने अपनी खेती
की ज़मीन अपने बेटे श्याम को लिखित दस्तावेज़ के द्वारा दे दी।
यह संपत्ति का अंतरण है।
उदाहरण 2:
एक कंपनी ने अपने
ऑफिस की बिल्डिंग एक अन्य कंपनी को बेच दी।
यह भी संपत्ति का अंतरण है।
उदाहरण 3
(शामिल नहीं):
कोई व्यक्ति वसीयत
बनाकर मर जाता है और कहता है कि उसकी संपत्ति किसी को मिलेगी।
यह "संपत्ति का अंतरण" नहीं,
बल्कि वसीयत (Will) के तहत
उत्तराधिकार है।
FAQs – संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 की धारा 5 (संपत्ति का अंतरण)
Q1. "संपत्ति
का अंतरण" का क्या अर्थ है?
उत्तर:
जब कोई जीवित व्यक्ति (जैसे व्यक्ति, कंपनी या
संस्था) किसी संपत्ति को किसी दूसरे जीवित व्यक्ति को वर्तमान या भविष्य में
कानूनी रूप से देता है, तो उसे "संपत्ति का अंतरण"
कहा जाता है।
Q2. क्या
संपत्ति का अंतरण केवल वर्तमान में ही किया जा सकता है?
उत्तर:
नहीं, संपत्ति का अंतरण वर्तमान में भी
किया जा सकता है और भविष्य में देने का वादा भी संपत्ति अंतरण की श्रेणी
में आता है।
Q3. "जीवित
व्यक्ति" में कौन-कौन शामिल होते हैं?
उत्तर:
"जीवित व्यक्ति" में निम्नलिखित शामिल हैं:
- कोई व्यक्ति (व्यक्तिगत रूप से)
- कोई कंपनी
- कोई संगठन या संस्था (चाहे वह
रजिस्टर्ड हो या न हो)
Q4. क्या
वसीयत (Will) द्वारा संपत्ति देना भी "संपत्ति का
अंतरण" माना जाएगा?
उत्तर:
नहीं, वसीयत द्वारा संपत्ति देना
संपत्ति का अंतरण नहीं माना जाएगा। वह उत्तराधिकार (succession) के अंतर्गत आता है, न कि Transfer of
Property के तहत।
Q5. क्या यह
कानून मुस्लिम पर्सनल लॉ (मुहम्मदन लॉ) पर लागू होता है?
उत्तर:
नहीं, संपत्ति अंतरण अधिनियम का अध्याय
2 मुहम्मदन लॉ को प्रभावित नहीं करता। यानी
मुस्लिम कानून के अनुसार संपत्ति के ट्रांसफर पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा (देखें:
धारा 2)।
Q6. क्या
कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति स्वयं को भी ट्रांसफर कर सकता है?
उत्तर:
हां, धारा 5 के अनुसार,
कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति स्वयं को या स्वयं को और अन्य
जीवित व्यक्तियों को ट्रांसफर कर सकता है।
Q7. यदि एक
कंपनी दूसरी कंपनी को संपत्ति बेचती है, तो क्या वह संपत्ति
का अंतरण कहलाएगा?
उत्तर:
हां, कंपनी द्वारा दूसरी कंपनी को
संपत्ति देना भी "संपत्ति का अंतरण" माना जाएगा, क्योंकि
कंपनियां भी "जीवित व्यक्ति" की परिभाषा में आती हैं।
Q8. धारा 5
का उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
इसका उद्देश्य यह स्पष्ट करना है कि कौन-कौन सी स्थितियां संपत्ति
के वैध अंतरण में आती हैं। यह संपत्ति ट्रांसफर की प्रक्रिया को कानूनी और
स्पष्ट रूप देता है।
Q9. अगर
ट्रांसफर करने वाला या प्राप्तकर्ता जीवित नहीं है, तो क्या
ट्रांसफर मान्य होगा?
उत्तर:
नहीं, "संपत्ति का अंतरण"
केवल जीवित व्यक्तियों के बीच हो सकता है। मृत व्यक्ति द्वारा किया गया या
मृत व्यक्ति को किया गया ट्रांसफर वैध नहीं होता।
Q10. क्या
इस धारा से कंपनियों के विशेष कानूनों पर असर पड़ेगा?
उत्तर:
नहीं, धारा 5 में
स्पष्ट किया गया है कि यह धारा कंपनियों, संगठनों या निकायों
के ट्रांसफर से संबंधित किसी विशेष कानून को प्रभावित नहीं करेगी।