सम्पत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 की धारा 3 व्याख्या-खण्ड.
इस अधिनियम में,
जब तक कि विषय या संदर्भ में कोई बात प्रतिकूल न हो,--
"अचल
संपत्ति" में खड़ी लकड़ी,
उगती फसलें या घास शामिल नहीं हैं; "उपकरण" का अर्थ है गैर-वसीयती उपकरण;
1 [किसी
लिखत के संबंध में "प्रमाणित" का अर्थ है और हमेशा दो या अधिक
साक्षियों द्वारा प्रमाणित माना जाएगा, जिनमें से प्रत्येक
ने निष्पादक को लिखत पर हस्ताक्षर करते या अपना चिह्न लगाते देखा है, या निष्पादक की उपस्थिति में और उसके निर्देश पर किसी अन्य व्यक्ति को
लिखत पर हस्ताक्षर करते देखा है, या निष्पादक से उसके
हस्ताक्षर या चिह्न की, या ऐसे अन्य व्यक्ति के हस्ताक्षर की
व्यक्तिगत अभिस्वीकृति प्राप्त की है, और जिनमें से प्रत्येक
ने निष्पादक की उपस्थिति में लिखत पर हस्ताक्षर किए हैं; किन्तु
यह आवश्यक नहीं है कि ऐसे एक से अधिक साक्षी एक ही समय पर उपस्थित रहे हों,
और सत्यापन का कोई विशेष रूप आवश्यक नहीं होगा;]
"पंजीकृत"
से उन क्षेत्रों के किसी भाग में पंजीकृत अभिप्रेत है,
जिन पर यह अधिनियम लागू है, दस्तावेजों के
रजिस्ट्रीकरण को विनियमित करने वाली तत्समय प्रवृत्त विधियों के अधीन;
"पृथ्वी
से जुड़ा हुआ" का अर्थ है--
(क)
धरती में जड़ें जमाए हुए, जैसा कि पेड़ों और झाड़ियों
के मामले में होता है;
(ख)
धरती में धंसा हुआ, जैसा कि दीवारों या इमारतों
के मामले में होता है; या
(ग)
उस वस्तु से आसक्त होना जिससे वह आसक्त है, उसके
स्थायी लाभकारी उपभोग के लिए;
5. [“अनुयोज्य
दावा” से किसी ऋण के लिए दावा अभिप्रेत है,
अचल संपत्ति के बंधक द्वारा या चल संपत्ति के आडंबर या प्रतिज्ञा
द्वारा सुरक्षित ऋण के अलावा, या चल संपत्ति में किसी
लाभकारी हित के लिए दावा, जो दावेदार के वास्तविक या आस्थाई
कब्जे में नहीं है, जिसे सिविल न्यायालय राहत के लिए आधार
प्रदान करने के रूप में मान्यता देते हैं, चाहे ऐसा ऋण या
लाभकारी हित विद्यमान हो, प्राप्त हो, सशर्त
हो या आकस्मिक हो;]
6. [“किसी
व्यक्ति को किसी तथ्य की जानकारी होना”]
तब कहा जाता है जब वह वास्तव में उस तथ्य को जानता है,
या जब वह किसी जांच या तलाशी से, जो उसे करनी
चाहिए थी, जानबूझकर विरत रहने के कारण, या घोर लापरवाही के कारण, उसे वह तथ्य ज्ञात नहीं
होता।
स्पष्टीकरण I.--जहां स्थावर संपत्ति से संबंधित किसी लेन-देन का होना कानून द्वारा
अपेक्षित है और वह किसी पंजीकृत लिखत द्वारा किया गया है, वहां
ऐसी संपत्ति या ऐसी संपत्ति का कोई भाग, या हिस्सा या हित
अर्जित करने वाले किसी व्यक्ति को ऐसी लिखत की सूचना पंजीकरण की तारीख से या,
7[जहां संपत्ति पूरी तरह एक ही उप-जिले में स्थित नहीं है, या जहां पंजीकृत लिखत भारतीय पंजीकरण अधिनियम, 1908 (1908 का 16) की धारा 30 की उप-धारा
(2) के अधीन पंजीकृत की गई है, वहां उस
प्रारंभिक तारीख से जिसको ऐसी पंजीकृत लिखत का कोई ज्ञापन किसी उप-पंजीयक द्वारा
फाइल किया गया है जिसके उप-जिले के भीतर अर्जित की जा रही संपत्ति का कोई भाग,
या वह संपत्ति जिसमें कोई हिस्सा या हित अर्जित किया जा रहा है,
स्थित है, जारी किया गया है:]
उसे उपलब्ध कराया--
(1) लिखत पंजीकृत हो गया है और उसका पंजीकरण भारतीय
पंजीकरण अधिनियम, 1908 (1908 का 16) और
उसके अधीन बनाए गए नियमों द्वारा निर्धारित तरीके से पूरा हो गया है,
(2) लिखत [या ज्ञापन] उस अधिनियम की धारा 51 के अधीन रखी गई बहियों में, यथास्थिति, सम्यक् रूप से प्रविष्ट या दाखिल कर दिया गया है, और
(3) उस लेन-देन से संबंधित विवरण, जिससे लिखत संबंधित है,
उस अधिनियम की धारा 55 के अधीन रखी गई
अनुक्रमणिकाओं में सही ढंग से प्रविष्ट किया गया है।
स्पष्टीकरण II.--कोई व्यक्ति जो कोई स्थावर संपत्ति या किसी ऐसी संपत्ति में कोई शेयर या
हित अर्जित करता है, उसे उस संपत्ति पर किसी ऐसे व्यक्ति के
हक की, यदि कोई हो, सूचना प्राप्त हो
गई मानी जाएगी जो उस पर उस समय वास्तविक कब्जा रखता है।
स्पष्टीकरण III.--किसी व्यक्ति को किसी तथ्य की सूचना मिल गई समझी जाएगी यदि उसका अभिकर्ता
उस तथ्य की सूचना उस समय प्राप्त करता है जब वह व्यक्ति उस कारबार के अनुक्रम में
उसकी ओर से कार्य कर रहा हो जिसके लिए वह तथ्य तात्विक है:
परन्तु यदि
अभिकर्ता कपटपूर्वक तथ्य को छिपाता है तो प्रधान को किसी ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध
नोटिस देकर आरोपित नहीं किया जाएगा जो कपट में पक्षकार था या अन्यथा उससे परिचित
था।]
आइये यहाँ सम्पत्ति
अंतरण अधिनियम, 1882 की "व्याख्या-खण्ड" (Interpretation Clause) को
आसान और सरल भाषा में समझने का प्रयास करें
अचल संपत्ति क्या
नहीं मानी जाती?
अचल संपत्ति (immovable
property) में खड़ी लकड़ी, उगती फसलें या घास
शामिल नहीं हैं। यानी ये चीजें अचल संपत्ति की श्रेणी में नहीं आतीं।
उपकरण (Instrument)
का मतलब
यह ऐसे दस्तावेज़ों
को कहा गया है जो वसीयत (Will) नहीं हैं। यानी ऐसी
लिखत जो संपत्ति के हस्तांतरण के लिए बनाई गई हो, लेकिन
वसीयत न हो।
प्रमाणित (Attested)
का मतलब
जब किसी लिखत पर कम
से कम दो गवाहों ने हस्ताक्षर किया हो, जिन्होंने:
- निष्पादक (जिनके नाम से लिखत है)
को हस्ताक्षर करते हुए देखा हो,
- या निष्पादक की अनुमति से किसी और
को दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करते देखा हो,
- या फिर निष्पादक से उस हस्ताक्षर
को सही मानने की बात सुनी हो।
सभी गवाहों को निष्पादक की मौजूदगी में दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करना जरूरी होता है, लेकिन जरूरी नहीं कि वे सभी एक साथ मौजूद हों।
पंजीकृत (Registered)
का अर्थ
पंजीकृत दस्तावेज़
वो होता है जो उस क्षेत्र की पंजीकरण की प्रचलित कानूनी प्रक्रिया के तहत दर्ज (Register)
किया गया हो, जहां यह अधिनियम लागू है।
पृथ्वी से जुड़ा
हुआ (Attached to the Earth)
किसी वस्तु को
"पृथ्वी से जुड़ी" हुई माना जाता है जब:
- वह धरती में जड़ें जमाए हो (जैसे
पेड़),
- वह जमीन में गड़ी हो (जैसे
दीवारें या इमारतें),
- वह किसी ऐसी चीज़ से जुड़ी हो जो
स्थायी उपयोग के लिए बनाई गई हो।
अनुयोज्य दावा (Actionable
Claim) क्या होता है?
यह किसी ऐसे कर्ज
या लाभ का दावा होता है जो:
- चल या अचल संपत्ति पर गिरवी न हो,
- दावेदार के कब्जे में न हो,
- और जिसके लिए सिविल कोर्ट से राहत
माँगी जा सकती है।
किसी व्यक्ति को
तथ्य की जानकारी होना कब माना जाएगा?
जब व्यक्ति:
- वास्तव में उस तथ्य को जानता हो,
- या उस जानकारी को जानने से
लापरवाही या जानबूझकर बचा हो।
स्पष्टीकरण 1:
यदि कोई लेन-देन
पंजीकृत दस्तावेज़ के माध्यम से हुआ है, तो
पंजीकरण की तारीख से माना जाएगा कि खरीददार को दस्तावेज़ की जानकारी है।
स्पष्टीकरण 2:
अगर कोई व्यक्ति
किसी संपत्ति पर वास्तविक कब्जा रखता है, तो यह
माना जाएगा कि संपत्ति खरीदने वाले को उसके अधिकार की जानकारी है।
स्पष्टीकरण 3:
अगर किसी एजेंट (Abhikarta)
को किसी तथ्य की जानकारी है और वह उस समय अपने प्रधान की ओर से
कार्य कर रहा था, तो यह माना जाएगा कि प्रधान को भी जानकारी
थी।
लेकिन, अगर एजेंट ने जानबूझकर कोई
जानकारी छुपाई, तो उस जानकारी के लिए प्रधान को दोषी नहीं
ठहराया जाएगा।
निष्कर्ष
यह खण्ड यह स्पष्ट
करता है कि अधिनियम में प्रयुक्त कुछ शब्दों और शर्तों का क्या मतलब है और किस
स्थिति में किसी व्यक्ति को "जानकारी" मानी जाएगी। साथ ही,
किन वस्तुओं को अचल संपत्ति माना जाएगा और किन्हें नहीं, यह भी स्पष्ट किया गया है।
संपत्ति अंतरण
अधिनियम की व्याख्या-खण्ड से संबंधित FAQs:
1. अचल
संपत्ति (Immovable Property) में क्या शामिल नहीं होता?
उत्तर:
अचल संपत्ति में खड़ी लकड़ी, उगती
फसलें और घास शामिल नहीं होतीं। इन्हें अचल संपत्ति नहीं
माना जाता।
2. "उपकरण"
(Instrument) का क्या मतलब है?
उत्तर:
"उपकरण" ऐसे दस्तावेज़ को कहते हैं जो वसीयत (Will)
नहीं है, लेकिन किसी प्रकार के संपत्ति अंतरण
से संबंधित है।
3. "प्रमाणित"
(Attested) लिखत किसे कहा जाता है?
उत्तर:
ऐसी लिखत जिसमें कम से कम दो गवाहों ने:
- निष्पादक को दस्तावेज़ पर
हस्ताक्षर करते देखा हो,
- या निष्पादक की मौजूदगी में और
उसके निर्देश पर किसी अन्य व्यक्ति को हस्ताक्षर करते देखा हो,
- या फिर निष्पादक से हस्ताक्षर की
स्वीकृति सुनी हो।
गवाहों को निष्पादक की उपस्थिति में दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करना होता है।
4. पंजीकृत
(Registered) दस्तावेज़ क्या होता है?
उत्तर:
वह दस्तावेज़ जिसे उस क्षेत्र में कानूनन पंजीकरण प्रक्रिया के
अनुसार रजिस्टर्ड किया गया हो जहाँ यह अधिनियम लागू है।
5. "पृथ्वी
से जुड़ा हुआ" (Attached to the Earth) का क्या अर्थ है?
उत्तर:
वह वस्तु जो:
- धरती में जमी हो (जैसे पेड़-पौधे),
- जमीन में गड़ी हो (जैसे दीवार या
इमारत),
- या किसी स्थायी उपयोग के उद्देश्य
से किसी चीज़ से जुड़ी हो।
6. "अनुयोज्य
दावा" (Actionable Claim) क्या होता है?
उत्तर:
ऐसा दावा जो:
- किसी गिरवी (mortgage)
या प्रतिज्ञा (pledge) से सुरक्षित नहीं
है,
- दावेदार के कब्जे में नहीं है,
- और जिसके लिए सिविल कोर्ट में
राहत माँगी जा सकती है।
7. व्यक्ति
को किसी तथ्य की जानकारी कब मानी जाती है?
उत्तर:
जब वह व्यक्ति:
- वास्तव में उस तथ्य को जानता हो,
- या जानबूझकर या लापरवाही से उस
जानकारी से बचता हो।
8. क्या
संपत्ति खरीदने वाले को पंजीकृत दस्तावेज़ की जानकारी मानी जाती है?
उत्तर:
हाँ, अगर लेन-देन पंजीकृत दस्तावेज़ से
हुआ है तो यह माना जाएगा कि खरीददार को उस दस्तावेज़ की जानकारी है (पंजीकरण की
तारीख से)।
9. अगर कोई
व्यक्ति संपत्ति पर वास्तविक कब्जे में है, तो क्या इसका असर
होता है?
उत्तर:
हाँ, यह माना जाता है कि जो भी व्यक्ति वह
संपत्ति खरीद रहा है, उसे कब्जेदार के अधिकार की जानकारी है।
10. एजेंट
को जानकारी मिलने का क्या प्रभाव होता है?
उत्तर:
अगर एजेंट (अभिकर्ता) को कोई जानकारी मिलती है, और वह उस समय अपने मालिक की ओर से कार्य कर रहा था, तो
माना जाएगा कि मालिक को भी जानकारी है।
लेकिन, अगर एजेंट ने जानकारी जानबूझकर
छुपाई, तो मालिक को दोषी नहीं माना जाएगा।