ताशकंद में IPU की 150वीं बैठक में बोले लोकसभा अध्यक्ष
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि भारत की संसद ने हाल
के वर्षों में सभी वर्गों को बराबरी का अधिकार देने और सामाजिक न्याय सुनिश्चित
करने के लिए कई अहम कानून बनाए हैं। उन्होंने यह बातें उज़्बेकिस्तान के
ताशकंद में आयोजित अंतर-संसदीय संघ (IPU) की
150वीं बैठक में कहीं।
बिरला ने कहा कि
भारतीय संविधान की भावना है कि हर नागरिक को समान माना जाए,
उन्हें समान अवसर मिले, और वंचित व
पिछड़े वर्गों को भी देश की तरक्की की मुख्यधारा में जोड़ा जाए।
संसद के प्रयास
- दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016
और ट्रांसजेंडर अधिकार संरक्षण कानून जैसे प्रावधान
बनाकर समाज के हाशिए पर खड़े लोगों को सशक्त बनाया गया है।
- महिलाओं के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं
में एक-तिहाई सीटें आरक्षित करने का कानून लाकर महिला
सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया गया।
- असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों
की सुरक्षा और कल्याण के लिए नए श्रम कानून बनाए गए हैं।
- भारतीय दंड संहिता (IPC)
की जगह अब भारतीय न्याय संहिता लाई गई है, जिससे न्याय को प्राथमिकता दी गई है।
संसद की समितियों की भूमिका
बिरला ने कहा कि
संसद की विभिन्न समितियाँ, जिन्हें "मिनी
संसद" भी कहा जाता है, सरकारी योजनाओं की निगरानी करती हैं और बेहतर सुझाव भी देती हैं। ये समितियाँ संसद और सरकार
के साझा प्रयासों का अहम हिस्सा हैं।
“लोकसभा अध्यक्ष ने अपने संबोधन में संसद द्वारा समावेशी और
न्यायपूर्ण समाज के निर्माण के लिए उठाए गए कानूनी कदमों को दुनिया के सामने
रखा और बताया कि भारत समता, अधिकार और न्याय की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।“