21 अप्रैल, 2025
भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान की असली तस्वीर अब सामने आ गई
है। पाकिस्तान सरकार ने खुद अपनी सुप्रीम कोर्ट में स्वीकार किया है कि
जाधव को अपनी सजा के खिलाफ अपील
करने का अधिकार ही नहीं दिया गया है। यह खुलासा उस समय हुआ जब पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने कोर्ट में एक
हलफनामा दाखिल किया।
घटना क्या है?
साल 2016 में पाकिस्तान ने जाधव पर जासूसी का आरोप लगाकर उन्हें
गिरफ्तार करने का दावा किया था।
लेकिन भारत ने साफ किया कि जाधव को ईरान के चाबहार से अगवा किया गया,
जहां वह व्यापार के सिलसिले में गए थे। जाधव भारतीय
नौसेना से सेवानिवृत्त हैं।
पाकिस्तानी कोर्ट में दिया गया बयान
पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय के वकील ख्वाजा हारिस अहमद
ने कोर्ट में बताया कि कुलभूषण को केवल काउंसलर एक्सेस (राजनयिक पहुंच)
दी गई है, लेकिन उन्हें अपील करने का कोई हक नहीं मिला। जबकि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने 2019 में अपने फैसले में कहा था कि पाकिस्तान को जाधव को न
सिर्फ राजनयिक पहुंच देनी चाहिए, बल्कि उनकी सजा पर पुनर्विचार भी करना चाहिए।
पाकिस्तानी नागरिकों को भी अपील का हक नहीं
इस दौरान एक और अहम तथ्य सामने आया। वकीलों ने कोर्ट में कहा कि
पाकिस्तान के नागरिकों को भी
सैन्य अदालत से मिली सजा के खिलाफ अपील करने का अधिकार नहीं दिया गया,
खासकर 9
मई 2023
की हिंसा
के बाद गिरफ्तार लोगों को। कोर्ट में कहा गया कि इस पर
पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल
विचार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कुछ और वक्त चाहिए।
9 मई की हिंसा और सैन्य अदालतें
आपको बता दें कि 9 मई 2023 को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की
गिरफ्तारी के बाद पूरे देश में हिंसा भड़क गई थी। प्रदर्शनकारियों ने कई सैन्य
ठिकानों को निशाना बनाया। इस मामले में कई लोगों को सैन्य अदालत में पेश किया गया
और सजा सुनाई गई।
ICJ में भारत को मिली थी जीत
भारत ने कुलभूषण जाधव के मामले को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में उठाया,
जहां 2019 में अदालत ने भारत के पक्ष में फैसला दिया। कोर्ट ने कहा
कि जाधव को राजनयिक पहुंच दी जाए और उनकी सजा पर पुनर्विचार किया जाए। कोर्ट ने यह
भी माना कि पाकिस्तान ने वियना संधि का उल्लंघन किया है।
अब क्या होगा ?
पाकिस्तान की इस स्वीकारोक्ति से साफ है कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून और न्यायिक आदेशों की अनदेखी कर
रहा है। भारत इस मुद्दे
को आगे भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाता रहेगा और कुलभूषण जाधव को न्याय दिलाने के लिए प्रयास करता रहेगा।