21 अप्रैल 2025
दिल्ली की एक अदालत में उस समय सनसनी फैल गई जब चेक
बाउंस मामले में दोषी ठहराए गए व्यक्ति और उसके वकील ने खुले कोर्ट में महिला जज
को गालियां दीं, धमकाया
और जान से मारने की धमकी तक दे डाली।
यह घटना 2 अप्रैल के आदेश में दर्ज हुई है, जिसमें न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवांगी मंगला ने आरोपी को
भारतीय दंड संहिता की धारा 138 (चेक अनादरण) के तहत दोषी करार दिया था। सजा सुनाए जाने
के बाद आरोपी ने गुस्से में आकर कोर्ट में हंगामा किया और कथित तौर पर कोई वस्तु
जज पर फेंकने की कोशिश की। आरोपी ने कहा —
"तू है क्या चीज...
बाहर मिल, देखता हूं कैसे जिंदा घर जाती है।"
जज से इस्तीफे का दबाव
जज शिवांगी मंगला ने अपने आदेश में लिखा कि दोषी और उसके वकील ने न केवल
मानसिक बल्कि शारीरिक रूप से भी उन्हें प्रताड़ित करने की कोशिश की और इस्तीफा
देने का दबाव बनाया। साथ ही धमकी दी कि अगर आरोपी को बरी नहीं किया गया तो वे उनके
खिलाफ शिकायत दर्ज करवा देंगे।
महिला आयोग में कार्रवाई की सिफारिश
जज ने साफ तौर पर लिखा कि वे कानून के अनुसार न्याय करती रहेंगी और आरोपी
के खिलाफ राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत दर्ज करवाने की प्रक्रिया शुरू करेंगी।
वकील को कोर्ट का नोटिस
इसके अलावा, आरोपी के वकील अतुल कुमार को कोर्ट ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है,
जिसमें पूछा गया है कि उनके दुर्व्यवहार के लिए उनके
खिलाफ अवमानना
की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए। कोर्ट ने उनसे अगली सुनवाई में लिखित जवाब मांगा है।
यह घटना न केवल न्यायपालिका की गरिमा पर हमला है,
बल्कि महिलाओं के खिलाफ कोर्ट परिसर में हो रहे उत्पीड़न
की गंभीर तस्वीर भी सामने लाती है। इस मामले ने पूरे देश का ध्यान खींचा है और
जल्द कड़ी कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।