दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 की धारा 1: संक्षिप्त शीर्षक, विस्तार और प्रारंभ की विधिक व्याख्या
(1) इस
अधिनियम का संक्षिप्त नाम दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 है।
(2) इसका
विस्तार सम्पूर्ण भारत में है।
(3) यह उस
तारीख को प्रवृत्त होगा जिसे केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में
अधिसूचना द्वारा, नियत करे।
विशेष कथन
1. 2019 के
अधिनियम सं. 34 की धारा 95 और पांचवीं
अनुसूची द्वारा (31-10-2019 से) "जम्मू-कश्मीर राज्य
के सिवाय" शब्दों का लोप किया गया।
2. 1 जुलाई,
1961, अधिसूचना संख्या एसओ 1410, दिनांक 20
जून, 1961, देखें भारत का राजपत्र, असाधारण, भाग II, खंड 3(ii)।
संक्षिप्त शीर्षक,
विस्तार और प्रारंभ – आसान भाषा में समझिए:
(1) संक्षिप्त
नाम:
इस
कानून को "दहेज प्रतिषेध अधिनियम,
1961" कहा जाएगा।
(यानी यह कानून दहेज से जुड़ी समस्याओं को रोकने के लिए बनाया गया
है और इसे इसी नाम से जाना जाता है।)
(2) विस्तार:
यह
कानून पूरे भारत में लागू होता है।
(पहले यह जम्मू-कश्मीर को छोड़कर बाकी भारत में लागू था, लेकिन अब जम्मू-कश्मीर में भी यह लागू हो गया है।)
(3) प्रारंभ
(कब से लागू होगा):
यह
कानून उस दिन से लागू होगा जिसे भारत सरकार सरकारी राजपत्र (Gazette)
में अधिसूचना (Notification) द्वारा घोषित
करेगी।
(सरकार ने इसे 1 जुलाई 1961 से लागू किया था।)
टिप्पणियाँ
(महत्वपूर्ण बदलाव):
1. 2019
में एक संशोधन के तहत
“जम्मू-कश्मीर राज्य को छोड़कर” जो लिखा था, उसे
हटा दिया गया, यानी अब यह कानून जम्मू-कश्मीर में भी
लागू होता है।
2. यह
अधिनियम 1 जुलाई 1961 से लागू किया गया था, जिसका उल्लेख 20 जून 1961 की अधिसूचना में
किया गया था।
FAQs
प्रश्न 1:
दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 का संक्षिप्त नाम
क्या है?
उत्तर: इसका संक्षिप्त नाम "दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961" है। इसी नाम से यह विधिक दस्तावेजों और अदालती कार्यवाही में जाना जाता
है।
प्रश्न 2:
क्या यह अधिनियम पूरे भारत में लागू होता है?
उत्तर: हाँ,
यह अधिनियम अब सम्पूर्ण भारत में लागू होता है।
पहले यह जम्मू-कश्मीर राज्य को छोड़कर लागू था, लेकिन 2019 में संशोधन के
बाद अब जम्मू-कश्मीर में भी यह लागू है।
प्रश्न 3:
यह अधिनियम कब से प्रभावी हुआ?
उत्तर: यह अधिनियम 1
जुलाई, 1961 से प्रभावी
हुआ।
भारत सरकार ने 20 जून 1961 को राजपत्र में अधिसूचना संख्या एसओ 1410 के माध्यम से इसकी घोषणा की थी।
प्रश्न 4:
"राजपत्र में अधिसूचना" का क्या अर्थ है?
उत्तर: "राजपत्र
में अधिसूचना" का मतलब है कि भारत सरकार किसी अधिनियम या नियम को लागू करने
के लिए सरकारी गजट (Gazette of India) में औपचारिक
घोषणा करती है। इसके बाद वह नियम कानूनी रूप से प्रभावी हो जाता है।
प्रश्न 5:
2019 में इसमें क्या महत्वपूर्ण संशोधन किया गया?
उत्तर: 2019
के अधिनियम संख्या 34 द्वारा,
धारा 95 और पांचवीं अनुसूची के तहत "जम्मू-कश्मीर राज्य के सिवाय" शब्दों को हटा
दिया गया, जिससे यह अधिनियम अब जम्मू-कश्मीर में भी लागू
हो गया।
प्रश्न 6:
क्या इस अधिनियम की धारा 1 केवल औपचारिकता है
या इसका व्यावहारिक महत्व भी है?
उत्तर: धारा 1
भले ही संक्षिप्त और प्रारंभिक हो, लेकिन इसका
महत्वपूर्ण व्यावहारिक प्रभाव है, क्योंकि यह स्पष्ट
करती है कि
- कानून को किस नाम से जाना जाएगा,
- कहाँ-कहाँ यह लागू होगा,
- और यह कब से लागू माना जाएगा।