भारतीय नागरिक
सुरक्षा संहिता, 2023 का अध्याय-1 प्रारम्भिक (Preliminary): धारा 4: भारतीय न्याय संहिता, 2023 और अन्य कानूनों के तहत अपराधों का मुकदमा
भारतीय नागरिक
सुरक्षा संहिता, 2023 - धारा 4: भारतीय न्याय संहिता, 2023 और अन्य कानूनों के तहत
अपराधों का मुकदमा
(1) भारतीय
न्याय संहिता, 2023 के अधीन सभी अपराधों की
जांच,
पूछताछ, विचारण तथा अन्यथा कार्यवाही इसमें
इसके पश्चात् निहित उपबंधों के अनुसार की जाएगी।
(2) किसी अन्य विधि के अधीन सभी अपराधों की जांच, पूछताछ,
विचारण और अन्यथा कार्यवाही उन्हीं उपबंधों के अनुसार की जाएगी,
किन्तु वे ऐसे अपराधों की जांच, पूछताछ,
विचारण या अन्यथा कार्यवाही करने के तरीके या स्थान को विनियमित
करने वाले तत्समय प्रवृत्त किसी अधिनियम के अधीन होंगे।
संक्षिप्त विवरण
धारा 4 भारतीय न्याय संहिता, 2023
के तहत अपराधों के परीक्षण के लिए प्रक्रियात्मक रूपरेखा को रेखांकित करती है।
यह स्थापित करता है कि इस अधिनियम के तहत सभी अपराध जांच,
पूछताछ और परीक्षण
के लिए निर्दिष्ट प्रक्रियाओं का पालन करेंगे। इसके अलावा,
यह इंगित करता है कि अन्य कानूनों के तहत अपराध भी इन प्रक्रियाओं
का पालन करेंगे जब तक कि ऐसे मामलों को नियंत्रित करने वाले मौजूदा कानूनों द्वारा
अन्यथा निर्दिष्ट न किया जाए।
उदाहरण
उदाहरण के लिए,
यदि कोई अपराध भारतीय न्याय संहिता, 2023 और
किसी अन्य कानून दोनों के अंतर्गत आता है, तो जांच और सुनवाई
भारतीय न्याय संहिता में निर्धारित प्रावधानों के अनुसार की जाएगी, तथा साथ ही अन्य कानून के किसी भी विशिष्ट विनियमन का भी पालन किया जाएगा।
सारांश
भारतीय नागरिक
सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 4 इस
अधिनियम और अन्य कानूनों के तहत अपराधों की जांच, पूछताछ और
मुकदमा चलाने की प्रक्रिया स्थापित करती है। यह इस बात पर जोर देता है कि मानकीकृत
प्रक्रियाएं होने के बावजूद मौजूदा कानूनी प्रावधानों का भी पालन किया जाना चाहिए।
अक्सर पूछे जाने
वाले प्रश्न (FAQs)
1. भारतीय
नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 4 क्या कहती है?
उत्तर:
धारा 4
यह निर्धारित करती है कि भारतीय न्याय संहिता, 2023 के अंतर्गत आने वाले सभी अपराधों की जांच, पूछताछ,
विचारण और अन्य कानूनी कार्यवाही इस संहिता के प्रावधानों के अनुसार
की जाएगी।
2. अन्य
कानूनों के अंतर्गत आने वाले अपराधों की जांच और विचारण कैसे किया जाएगा?
उत्तर:
धारा 4(2)
के अनुसार, किसी अन्य विधि के तहत अपराधों की
जांच, पूछताछ और विचारण भी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता,
2023 के प्रावधानों के अनुसार किया जाएगा, जब
तक कि कोई अन्य मौजूदा कानून उनके संचालन की प्रक्रिया या स्थान को विनियमित न
करता हो।
3. भारतीय
न्याय संहिता और अन्य कानूनों के लिए समान प्रक्रियाओं का पालन क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
इससे कानूनी प्रणाली में एकरूपता और स्थिरता बनी रहती है। यह सुनिश्चित करता है कि
सभी अपराधों की जांच और विचारण समान प्रक्रियाओं के तहत हो,
जिससे न्यायिक प्रक्रिया अधिक सुचारू और प्रभावी बनती है।
4. यदि कोई
अपराध भारतीय न्याय संहिता, 2023 और किसी अन्य कानून दोनों
के अंतर्गत आता है, तो किस नियम का पालन किया जाएगा?
उत्तर:
ऐसे मामलों में प्राथमिक रूप से भारतीय न्याय संहिता,
2023 में दिए गए प्रावधानों का पालन किया जाएगा, लेकिन यदि कोई अन्य कानून उस अपराध की कार्यवाही के तरीके या स्थान को
नियंत्रित करता है, तो उस विशेष कानून के प्रावधानों का भी
अनुपालन किया जाएगा।
5. धारा 4
का कानूनी प्रणाली में क्या महत्व है?
उत्तर:
धारा 4
न्यायिक प्रक्रिया को पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनाने में मदद करती
है। यह स्पष्ट करती है कि भारतीय न्याय संहिता और अन्य कानूनों के तहत अपराधों की
जांच और विचारण किस प्रकार किया जाना चाहिए, जिससे किसी भी
प्रकार की कानूनी अस्पष्टता दूर होती है।