भारतीय नागरिक
सुरक्षा संहिता, 2023 – धारा 1: संक्षिप्त शीर्षक, विस्तार, और
प्रारंभ
(1) इस
अधिनियम को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 कहा जा सकता है।
(2) इस
संहिता के अध्याय 9, 11 और 12 से संबंधित प्रावधानों के अलावा अन्य प्रावधान लागू नहीं होंगे?
(क)
नागालैंड राज्य को;
(ख) जनजातीय
क्षेत्रों में,
किन्तु संबंधित
राज्य सरकार, अधिसूचना द्वारा, ऐसे
उपबंधों या उनमें से किसी को, यथास्थिति, संपूर्ण नागालैंड राज्य या उसके किसी भाग पर या
ऐसे जनजातीय क्षेत्रों पर, ऐसे अनुपूरक, आनुषंगिक या पारिणामिक उपांतरणों सहित लागू कर
सकेगी, जैसा अधिसूचना में विनिर्दिष्ट किया जाए।
स्पष्टीकरण:
इस धारा में, जनजातीय क्षेत्रों से वे क्षेत्र
अभिप्रेत हैं, जो 21 जनवरी,
1972 से ठीक पहले संविधान की छठी अनुसूची के पैरा 20 में निर्दिष्ट असम के जनजातीय क्षेत्रों में सम्मिलित थे, जो शिलांग नगरपालिका की स्थानीय सीमाओं के भीतर के क्षेत्रों को छोड़कर
हैं।
(3) यह उस
तारीख को प्रवृत्त होगा जिसे केन्द्रीय सरकार, राजपत्र
में अधिसूचना द्वारा, नियत करे।
Note
1. भारत के राष्ट्रपति की स्वीकृति दिनांक 25
दिसंबर, 2023 को प्राप्त
हुई तथा पाठ का राजपत्र (असाधारण) भाग 2, खण्ड 1, दिनांक 25-12-2023 पर प्रकाशित ।
2. दिनांक 1 जुलाई 2024 से सम्पूर्ण भारत में
लागू है, सिवाय उक्त संहिता के उपबंध, पहली अनुसूची में भारतीय
न्याय संहिता, 2023 की धारा 106 की उपधारा (2) के उपबंधों के, द्वारा का० आ० 850 ( अ ), दिनांक 23.02.2024
संक्षिप्त विवरण
भारतीय नागरिक
सुरक्षा संहिता, 2023
की धारा 1 अधिनियम का संक्षिप्त नाम, भौगोलिक सीमा और प्रारंभ
प्रदान करती है। यह उन क्षेत्रों को स्पष्ट करता है जहाँ अधिनियम लागू नहीं होता
है, जैसे कि नागालैंड राज्य और कुछ आदिवासी क्षेत्र, जब तक कि राज्य सरकार अधिसूचना द्वारा अन्यथा निर्णय न ले। अधिनियम का
प्रारंभ केंद्र सरकार द्वारा आधिकारिक अधिसूचना के माध्यम से निर्धारित तिथि पर
निर्भर करता है।
उदाहरण
यदि नागालैंड
राज्य सरकार भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023
के कुछ प्रावधानों को राज्य पर लागू करने के लिए अधिसूचना जारी करती है,
तो वे प्रावधान अधिसूचना में उल्लिखित किसी भी संशोधन के अधीन,
नागालैंड में प्रभावी होंगे।
सारांश
भारतीय नागरिक
सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 1 अधिनियम के संक्षिप्त नाम, क्षेत्राधिकार और प्रारंभ
की जानकारी प्रदान करती है। यह स्पष्ट करता है कि नागालैंड
और कुछ जनजातीय क्षेत्रों में यह स्वतः लागू नहीं होगा, जब तक कि राज्य सरकार अधिसूचना जारी करके इसे लागू न करे। यह 1 जुलाई 2024 से
प्रभावी होगा और केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित तिथि पर
लागू किया जाएगा।
भारतीय नागरिक
सुरक्षा संहिता, 2023 – धारा 1 से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1:
इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम क्या है?
उत्तर:
धारा 1(1)
के अनुसार, इस अधिनियम को "भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023" कहा
जाता है।
प्रश्न 2:
क्या यह अधिनियम पूरे भारत में समान रूप से लागू होगा?
उत्तर:
धारा 1(2)
के अनुसार, यह अधिनियम नागालैंड राज्य और
कुछ जनजातीय क्षेत्रों पर स्वतः लागू नहीं होगा, जब तक
कि राज्य सरकार अधिसूचना जारी करके इसे लागू न करे।
प्रश्न 3:
नागालैंड राज्य को इस अधिनियम से प्रारंभिक रूप से छूट क्यों दी गई
है?
उत्तर:
धारा 1(2)(क) के अनुसार, नागालैंड की विशेष संवैधानिक
स्थिति और सांस्कृतिक स्वायत्तता को ध्यान में रखते हुए, इसे
अधिनियम के दायरे से प्रारंभिक रूप से बाहर रखा गया है। हालाँकि,
राज्य सरकार अधिसूचना जारी करके इसे लागू कर सकती है।
प्रश्न 4:
जनजातीय क्षेत्रों की परिभाषा क्या है?
उत्तर:
धारा 1(2)(ख) के अनुसार, जनजातीय क्षेत्र वे क्षेत्र हैं,
जो 21 जनवरी 1972 से
पहले संविधान की छठी अनुसूची के पैरा 20 में निर्दिष्ट असम
के जनजातीय क्षेत्रों में सम्मिलित थे। इसमें शिलांग
नगरपालिका क्षेत्र शामिल नहीं है।
प्रश्न 5:
क्या राज्य सरकारें इस अधिनियम को अपने क्षेत्रों में लागू कर सकती
हैं?
उत्तर:
धारा 1(2)
के अनुसार, नागालैंड राज्य और जनजातीय
क्षेत्रों में राज्य सरकारें अधिसूचना जारी करके इस अधिनियम को लागू कर सकती
हैं। वे आवश्यकतानुसार संशोधन और शर्तें भी जोड़ सकती हैं।
प्रश्न 6:
यह अधिनियम कब प्रभावी होगा?
उत्तर:
धारा 1(3)
के अनुसार, यह अधिनियम उस तारीख को
प्रवृत्त होगा जिसे केंद्र सरकार, राजपत्र में अधिसूचना
द्वारा, नियत करेगी। अधिसूचना के
अनुसार, यह 1 जुलाई 2024 से प्रभावी होगा।
प्रश्न 7:
इस अधिनियम की प्रभावी तिथि कौन निर्धारित करता है?
उत्तर:
धारा 1(3)
के अनुसार, भारत सरकार इस अधिनियम की
प्रभावी तिथि राजपत्र में अधिसूचना जारी करके तय करती है।
प्रश्न 8:
इस अधिनियम के तहत कौन-से विशेष अपवाद हैं?
उत्तर:
धारा 1(2)
के अनुसार, इस अधिनियम के अध्याय 9,
11 और 12 के अलावा अन्य प्रावधान नागालैंड और
जनजातीय क्षेत्रों पर स्वतः लागू नहीं होंगे।
प्रश्न 9:
क्या यह अधिनियम जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर भी लागू होगा?
उत्तर:
धारा 1(3)
के अनुसार, यह अधिनियम जम्मू-कश्मीर और
लद्दाख सहित पूरे भारत में लागू होगा, जब तक कि किसी विशेष
क्षेत्र के लिए अपवाद न बनाया गया हो।
प्रश्न 10:
क्या यह अधिनियम किसी अन्य कानून को प्रतिस्थापित करता है?
उत्तर:
हाँ,
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 नागरिक
सुरक्षा से संबंधित पुराने कानूनों को संशोधित और अद्यतन करने के उद्देश्य से लागू
की गई है।
प्रश्न 11:
क्या नागालैंड में इस अधिनियम के तहत कोई संशोधन संभव है?
उत्तर:
धारा 1(2)
के अनुसार, यदि नागालैंड सरकार चाहती है,
तो वह इस अधिनियम के कुछ या सभी प्रावधानों को लागू करने के लिए
अधिसूचना जारी कर सकती है।
प्रश्न 12:
इस अधिनियम की अधिसूचना कब जारी हुई?
उत्तर:
धारा 1(3)
के अनुसार, भारत के राष्ट्रपति की स्वीकृति
25 दिसंबर 2023 को प्राप्त हुई और इसे 25
दिसंबर 2023 को राजपत्र में प्रकाशित किया
गया।
प्रश्न 13:
क्या कोई राज्य सरकार इस अधिनियम के किसी भाग को संशोधित कर सकती है?
उत्तर:
धारा 1(2)
के अनुसार, राज्य सरकारें केवल उन्हीं
भागों को संशोधित कर सकती हैं जो उनके क्षेत्राधिकार में अधिनियम के तहत छूट
प्राप्त हैं, जैसे कि नागालैंड और जनजातीय क्षेत्र।
प्रश्न 14:
क्या यह अधिनियम अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तिथियों पर लागू हो
सकता है?
उत्तर:
नहीं,
धारा 1(3) के अनुसार, केंद्र सरकार ने इसकी प्रभावी तिथि 1 जुलाई 2024
तय की है, जो पूरे भारत में लागू होगी,
जब तक कि राज्य सरकारें विशेष क्षेत्रों के लिए अधिसूचना जारी न
करें।
प्रश्न 15:
इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 नागरिक
सुरक्षा से संबंधित कानूनी ढांचे को मजबूत करने, विभिन्न
राज्यों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रदान करने और राज्य सरकारों को
आवश्यकतानुसार अधिनियम लागू करने की स्वतंत्रता देने के उद्देश्य से लाई गई है।