11 अप्रैल 2025:
वक्फ कानून को लेकर देशभर में बहस और कानूनी लड़ाई तेज हो गई है।
इसी बीच नोएडा की रहने वाली पारुल खेड़ा नाम की एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट में नई
याचिका दायर की है। खास बात यह है कि जहाँ ज़्यादातर याचिकाओं में वक्फ कानून को
खत्म करने की मांग की गई है, वहीं पारुल खेड़ा ने इस कानून
को और सख्त व प्रभावी बनाने की अपील की है।
उनकी ओर से
अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने यह याचिका दाखिल की है।
याचिका में क्या
कहा गया है?
पारुल खेड़ा ने
अपनी याचिका में कहा है कि वक्फ अधिनियम 1995 और 2025
में हुए इसके संशोधन में गैर-मुस्लिमों की संपत्तियों को वक्फ या
सरकारी ज़मीन घोषित किए जाने से बचाने की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है।
उन्होंने यह भी
तर्क दिया कि वक्फ बोर्ड को अतिक्रमण हटाने के लिए कानून में धारा 54
और 55 के तहत विशेष शक्तियाँ दी गई हैं,
जबकि अन्य धार्मिक संस्थाएं जैसे मंदिर, ट्रस्ट,
मठ आदि के पास ऐसे अधिकार नहीं हैं।
याचिका में यह मांग
की गई है कि कानून में ऐसे प्रावधान जोड़े जाएं जिससे सभी धार्मिक संस्थाओं को
समान अधिकार मिलें और गैर-मुस्लिमों की संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
16 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
विष्णु शंकर जैन ने
बताया कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की पीठ के सामने सोमवार को इस याचिका
पर तत्काल सुनवाई की गुहार लगाई जाएगी। कोशिश है कि 16
अप्रैल को जब सुप्रीम कोर्ट वक्फ से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करेगा,
तब इस याचिका को भी शामिल किया जाए।
वक्फ कानून बना देशभर में बहस का मुद्दा
बता दें कि वक्फ
कानून को लेकर देशभर में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। दिल्ली,
कोलकाता, पटना और भोपाल समेत कई शहरों में लोग
विरोध कर रहे हैं। कुछ राजनीतिक दल सरकार पर निशाना साध रहे हैं, जबकि मुस्लिम संगठनों ने भी मोर्चा खोल रखा है।