23 अप्रैल 2025
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश दिया जिसमें कहा
गया कि सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को मुआवजे से वंचित रखना एक गंभीर और परेशान
करने वाली स्थिति है। कोर्ट ने मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MAC
Tribunal) के आदेशों के
बावजूद मुआवजा न मिलने पर चिंता जताई और इसके समाधान के लिए नए निर्देश जारी किए।
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
कोर्ट ने कहा कि जब सड़क दुर्घटना के पीड़ित मुआवजा के लिए आवेदन करते हैं,
तो उन्हें अपनी सभी जानकारी,
जैसे नाम, पते, आधार कार्ड, पैन कार्ड और ईमेल आईडी, संबंधित अधिकारियों के पास प्रस्तुत करनी चाहिए। अगर ये
विवरण उपलब्ध नहीं होते, तो आवेदन को अस्वीकार नहीं किया जाएगा, लेकिन न्यायाधिकरण को यह निर्देश दिया गया है कि वे
आवेदकों को जानकारी दें और उन्हें जरूरी दस्तावेज़ प्रस्तुत करने के लिए सूचित
करें।
मुआवजा के लिए नए दिशा-निर्देश
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जब मुआवजे का आदेश दिया जाए,
तो पीड़ितों से उनके बैंक खाता विवरण,
IFSC कोड और बैंकर का प्रमाणपत्र
मांगा जाना चाहिए। इसके साथ ही, अगर कोई व्यक्ति मुआवजे के लिए सहमति से आवेदन करता है,
तो उसे सीधे उसके बैंक खाते में राशि ट्रांसफर की जा
सकती है।
क्या बदलाव होंगे?
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर किसी पीड़ित का बैंक खाता विवरण या ईमेल
आईडी बदलता है, तो
उसे अपडेट किया जाना चाहिए। इसके अलावा, न्यायाधिकरण को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई
है कि मुआवजा पाने वाले व्यक्तियों के खातों की जानकारी सही है और उनकी पुष्टि की
जाए।
क्या किया गया है?
सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश उस याचिका पर दिया जिसमें यह बताया गया था कि
मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण और श्रम अदालतों में बड़ी धनराशि जमा पड़ी है,
लेकिन वह धनराशि पीड़ितों को समय पर नहीं मिल रही है।
कोर्ट का यह आदेश यह सुनिश्चित करने के लिए था कि पीड़ितों को जल्द से जल्द मुआवजा
मिल सके।