लखनऊ | 6 अप्रैल 2025
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को वीर सावरकर पर दिए गए विवादित
बयान के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से बड़ा झटका लगा है।
अदालत ने उनके खिलाफ जारी समन आदेश रद्द करने से इनकार कर दिया है।
राहुल गांधी ने
कोर्ट में याचिका दाखिल कर उनके खिलाफ जारी समन को निरस्त करने की मांग की थी,
लेकिन न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने यह याचिका
खारिज कर दी। कोर्ट ने यह भी कहा कि राहुल गांधी चाहें तो सीआरपीसी की धारा 397
(या BNSS की धारा 438) के तहत सत्र न्यायालय का रुख कर सकते हैं।
राहुल गांधी ने
अपनी याचिका में न सिर्फ समन आदेश को चुनौती दी थी, बल्कि
उस पुनरीक्षण याचिका (revision petition) को
भी खारिज करने की अपील की थी, जिसे वकील नृपेंद्र पांडे
ने दायर किया था। यह याचिका उस फैसले के खिलाफ थी, जिसमें
जून 2023 में शिकायत को खारिज कर दिया गया था।
क्या है पूरा मामला?
यह विवाद भारत
जोड़ो यात्रा के दौरान महाराष्ट्र के अकोला में आयोजित एक रैली से
जुड़ा है। इस रैली में राहुल गांधी ने वीर सावरकर पर एक विवादित टिप्पणी की
थी,
जिसे लेकर देशभर में उनकी आलोचना हुई और कई जगह मानहानि के
मुकदमे दर्ज किए गए।
लखनऊ के वकील
नृपेंद्र पांडे ने भी इस बयान को लेकर स्थानीय अदालत में याचिका दायर की थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने जानबूझकर वीर सावरकर की छवि को ठेस
पहुंचाई है और यह स्वतंत्रता सेनानियों के अपमान के समान है।
अब आगे क्या?
अब राहुल गांधी के
पास सत्र न्यायालय में जाने का विकल्प है। यदि वे चाहें तो वहां इस समन
आदेश को चुनौती दे सकते हैं।
इस मामले को लेकर
राजनीतिक और कानूनी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं,
और आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि राहुल गांधी अगला
कानूनी कदम क्या उठाते हैं।