मुख्य बिन्दु
- यह सुनिश्चित करना कि पालतू जानवर
किसी को न काटे, मालिक की जिम्मेदारी
है, जैसा कि भारतीय कानून और दिशानिर्देश सुझाते हैं।
- मालिक को पालतू जानवरों की देखभाल,
नियंत्रण, और टीकाकरण सुनिश्चित करना
होगा।
- लापरवाही के मामले में,
मालिक को जुर्माना, कारावास, या मुआवजा देना पड़ सकता है।
कानूनी जिम्मेदारियां
भारत
में,
पालतू जानवरों के मालिक को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका पालतू
किसी को नुकसान न पहुंचाए। इसमें पालतू को हमेशा नजर में रखना, उसे बंधा रखना, और नियमित टीकाकरण कराना शामिल है।
स्थानीय प्राधिकरणों के पास पालतू पंजीकरण अनिवार्य हो सकता है, जैसे नोएडा में, जहां पालतू मालिक को ₹10,000
का जुर्माना देना पड़ सकता है अगर उनका पालतू किसी को काटे।
परिणाम और सावधानियां
अगर
पालतू किसी को काटे, तो मालिक को पीड़ित के
चिकित्सा खर्चों के लिए मुआवजा देना पड़ सकता है, और भारतीय
न्याय संहिता (BNS) की धारा 291 के तहत
6 महीने तक की सजा या ₹5,000 तक का
जुर्माना हो सकता है। मालिक को पालतू को प्रशिक्षित करना और आक्रामक व्यवहार से
बचाना चाहिए।
कानूनी आधार
भारत
के संविधान के अनुच्छेद 51(g) में सभी जीवों के प्रति
करुणा दिखाने की बात कही गई है, और पशु क्रूरता निवारण
अधिनियम, 1960 के तहत पालतू जानवरों की देखभाल अनिवार्य है।
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परिचय
पालतू
जानवर,
विशेष रूप से कुत्ते, परिवार का हिस्सा होते
हैं, लेकिन अगर वे किसी को काटते हैं, तो
यह मालिक के लिए कानूनी और नैतिक चुनौतियां पैदा कर सकता है। भारत में, पालतू जानवरों के मालिकों पर यह जिम्मेदारी है कि वे अपने पालतू जानवरों
को नियंत्रित करें और यह सुनिश्चित करें कि वे दूसरों को नुकसान न पहुंचाएं। यह
नोट कानूनी दायित्वों, सावधानियों, और
लापरवाही के परिणामों पर केंद्रित है।
कानूनी जिम्मेदारियां और दिशानिर्देश
पालतू
जानवरों के मालिकों पर कई जिम्मेदारियां हैं, जो
निम्नलिखित हैं:
- नियंत्रण और देखभाल:
मालिक को अपने पालतू जानवरों पर लगातार नजर रखनी चाहिए और उन्हें त्यागना
नहीं चाहिए। कुत्तों को सार्वजनिक स्थानों पर बंधा रखना अनिवार्य है।
- स्वास्थ्य और टीकाकरण:
पालतू जानवरों को नियमित रूप से टीकाकरण कराना चाहिए,
विशेष रूप से रेबीज के खिलाफ, ताकि काटने
की घटनाओं से जुड़े जोखिम को कम किया जा सके।
- पंजीकरण:
कई राज्यों में, जैसे महाराष्ट्र और
नोएडा, पालतू जानवरों का पंजीकरण स्थानीय पशु चिकित्सा
क्लिनिक या नगर निगम के साथ अनिवार्य है। नोएडा में, अगर
मालिक पालतू को 31 जनवरी, 2023 तक
पंजीकृत नहीं करते, तो उन्हें ₹10,000 का जुर्माना देना पड़ सकता है।
- प्रशिक्षण और सामाजिककरण:
पालतू जानवरों को प्रशिक्षित करना और विभिन्न वातावरणों में सामाजिककरण करना
महत्वपूर्ण है ताकि आक्रामक व्यवहार को रोका जा सके। Zak
George’s Dog Training Revolution जैसे संसाधन मालिकों को मदद
कर सकते हैं ।
- स्वच्छता:
मालिक को अपने पालतू जानवर के मल को साफ करना चाहिए और जहां संभव हो,
लिफ्ट या एलिवेटर के वैकल्पिक उपयोग पर विचार करना चाहिए।
इन
जिम्मेदारियों का आधार भारत के संविधान के अनुच्छेद 51(g)
में है, जो सभी जीवों के प्रति करुणा दिखाने
की बात कहता है ।
लापरवाही के कानूनी परिणाम
अगर
पालतू जानवर किसी को काटता है और मालिक लापरवाही करता है,
तो कानूनी परिणाम हो सकते हैं:
- भारतीय न्याय संहिता (BNS),
धारा 291: यह
धारा भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 289 को बदलती है और मालिक को यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य करती है कि
उनका पालतू मानव जीवन या गंभीर चोट के लिए संभावित खतरा न बने। सजा में 6
महीने तक की कैद, ₹5,000 तक का जुर्माना,
या दोनों हो सकते हैं। इससे पहले, IPC के
तहत जुर्माना ₹1,000 तक था।
- मुआवजा:
मालिक को पीड़ित के चिकित्सा खर्चों और अन्य नुकसानों के लिए मुआवजा देना पड़
सकता है। उदाहरण के लिए, एक मामले में
मालिक को ₹10,000 का मुआवजा देना पड़ा , और एक अन्य मामले में, मालिक को नगर निगम और
राज्य सरकार से ₹2,00,000 का मुआवजा देना पड़ा।
- मामले के उदाहरण:
- 2019 में चंडीगढ़ में,
एक कुत्ते ने 10 साल के बच्चे को काटा,
और मालिक को IPC की धारा 289 के तहत चार्ज किया गया ।
- 2013 में दिल्ली में,
एक आदमी को ट्रायल का सामना करना पड़ा जब उसका कुत्ता एक
महिला को काटा ।
- सुनीता तलवार के मामले में,
मालिक को ₹1,000 का जुर्माना और दोषी
ठहराया गया।
सांख्यिकीय डेटा और रुझान
पशु
आक्रमणों में वृद्धि हुई है, जो मालिकों की
जिम्मेदारियों को और महत्वपूर्ण बनाती है:
- 2022 में, 1,510 लोगों की जान पशु आक्रमणों से गई, जो 2021
की तुलना में 19% अधिक है।
- 2023 में, 27.6 लाख लोगों को कुत्तों ने काटा, जो 2022 की तुलना में 26.5% अधिक है।
राज्य-स्तरीय कानून और नीतियां
कानून
राज्य से राज्य में भिन्न हो सकते हैं, लेकिन कुछ
सामान्य नियम हैं:
- महाराष्ट्र में,
पालतू मालिकों को अपने पालतू जानवरों का वार्षिक लाइसेंस
प्राप्त करना पड़ता है।
- नोएडा में,
अगर पालतू किसी को काटे, तो मालिक को ₹10,000
का जुर्माना और चिकित्सा खर्च वहन करना पड़ सकता है।
- आवासीय सोसाइटीज में,
मालिकों को AWBI के दिशानिर्देशों का
पालन करना पड़ता है, अन्यथा जुर्माना, निष्कासन, या सदस्यता रद्द होने का खतरा हो
सकता है।
सारांश तालिका: पालतू मालिकों की जिम्मेदारियां और परिणाम
जिम्मेदारी |
विवरण |
कानूनी परिणाम(लापरवाही) |
नियंत्रण और देखभाल |
पालतू को बंधा रखना, त्यागना
नहीं |
6
महीने तक कैद, ₹5,000 तक जुर्माना (BNS,
धारा 291) |
स्वास्थ्य और टीकाकरण |
नियमित टीकाकरण, पंजीकरण |
मुआवजा (चिकित्सा खर्च) |
प्रशिक्षण और सामाजिककरण |
आक्रामक व्यवहार से बचाना |
IPC
की धारा 289 के तहत चार्ज |
स्वच्छता और पंजीकरण |
मल साफ करना, स्थानीय
नियमों का पालन |
राज्य-स्तरीय जुर्माना, जैसे
नोएडा में ₹10,000 |
यह
सुनिश्चित करना कि पालतू जानवर किसी को न काटे, मालिक की
नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी है। मालिक को अपने पालतू जानवरों की देखभाल, नियंत्रण, और प्रशिक्षण पर ध्यान देना चाहिए,
और कानूनी दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए। लापरवाही के मामले में,
मालिक को सजा, जुर्माना, और मुआवजे का सामना करना पड़ सकता है, खासकर जब पशु
आक्रमणों की संख्या में वृद्धि हो रही है।
मुख्य
संदर्भ
- पालतू मालिक की जिम्मेदारी कुत्ते काटने के
मामलों में
- भारत के कुत्ता कानून: 5 चीजें जो अद्भुत पालतू मालिकों को जाननी चाहिए
- भारतीय न्याय संहिता अगर आपका पालतू किसी को
आक्रमण करे
- भारत के संविधान अनुच्छेद 51(g)
- AWBI पालतू कुत्ता परिपत्र
- नोएडा पालतू नीति, ₹10,000 जुर्माना
- कुत्ते ने काटा, मालिक
को ₹10,000 मुआवजा
- चंडीगढ़ 2019, कुत्ते ने
बच्चे को काटा
- दिल्ली 2013, कुत्ते ने
महिला को काटा
- सुनीता तलवार मामला, ₹1,000 जुर्माना
- Zak George’s Dog Training Revolution