19 अप्रैल 2025
अगर आपने किसी बिल्डर से घर खरीदा है और वो समय पर घर नहीं दे रहा,
या वादा करके भी सुविधाएं नहीं दे रहा — तो आपके मन में गुस्सा और
निराशा आना स्वाभाविक है। कई बार लोग ऐसे बिल्डरों के खिलाफ अपनी नाराजगी पोस्टर
लगाकर या शांतिपूर्ण प्रदर्शन करके जताते हैं।
लेकिन क्या बिल्डर
इसे लेकर आपके खिलाफ मानहानि (defamation) का केस कर
सकता है?
सुप्रीम कोर्ट
ने एक अहम फैसले में कहा है कि घर खरीदारों को बिल्डरों के खिलाफ शांतिपूर्ण
ढंग से प्रदर्शन करने का पूरा हक है। यह फैसला दिनांक 17/4/2025 दिन गुरुवार
को उस समय आया, जब मुंबई के कुछ फ्लैट मालिकों ने एक
बिल्डर द्वारा उनके खिलाफ दर्ज कराए गए मानहानि केस को चुनौती दी थी।
क्या था मामला?
मुंबई में एक
बिल्डर कंपनी "ए सुरती डेवलपर्स
प्राइवेट लिमिटेड" ने कुछ घर खरीदारों के
खिलाफ 2016 में मानहानि का केस
कर दिया। आरोप था कि इन लोगों ने बिल्डर के खिलाफ बैनर और पोस्टर लगाए थे
जिनमें बिल्डर के बारे में गलत बातें कही गईं।
बिल्डर का कहना था
कि इससे उसकी इज्जत खराब हुई और उसका नाम बदनाम हुआ।
यह मामला पहले
मजिस्ट्रेट कोर्ट, फिर सत्र न्यायालय और
बॉम्बे हाईकोर्ट तक गया — और तीनों ने कहा कि केस चल सकता है।
लेकिन जब ये लोग सुप्रीम
कोर्ट पहुंचे, तो कहानी बदल गई।
सुप्रीम कोर्ट ने
क्या कहा?
न्यायमूर्ति जेबी
पारदीवाला और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा:
“घर खरीदार उपभोक्ता
हैं। अगर उन्हें कोई बिल्डर धोखा देता है या काम समय पर नहीं करता तो उन्हें शांतिपूर्वक
विरोध करने का पूरा हक है। यह उनका कानूनी और संवैधानिक अधिकार है।”
कोर्ट ने यह भी साफ
किया कि:
- जिन पोस्टरों की बात हो रही है,
उनमें कोई गाली-गलौज या आपत्तिजनक भाषा नहीं थी।
- खरीदारों ने तथ्यों के आधार पर
अपनी बात रखी थी।
- उन्होंने किसी को धमकी नहीं दी,
बस अपने हक की मांग की।
फिर क्या हुआ?
कोर्ट ने माना कि:
- यह मानहानि का मामला नहीं है।
- इस तरह की शिकायतों के जरिए प्रदर्शन
को दबाना सही नहीं।
- खरीदारों के खिलाफ आपराधिक
प्रक्रिया का दुरुपयोग किया गया।
इसलिए कोर्ट ने कहा
— यह केस खारिज किया जाता है।
इस फैसले का क्या
मतलब है?
सुप्रीम कोर्ट ने
यह स्पष्ट कर दिया है कि:
1. अगर
आप घर खरीदार हैं, और बिल्डर आपको परेशान कर
रहा है, तो आप पोस्टर, बैनर
या प्रदर्शन के जरिए शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर
सकते हैं।
2. बिल्डर
आपकी आवाज दबाने के लिए ऐसे प्रदर्शन को लेकर
आपके खिलाफ केस नहीं कर सकता — जब तक आपकी भाषा संयमित और सच्चाई पर आधारित हो।
3. उपभोक्ता
का अधिकार, अब और भी मजबूत हो गया है।
आम लोगों के लिए संदेश
अगर आप किसी बिल्डर
या कंपनी से परेशान हैं, तो अब डरने की जरूरत नहीं।
आप अपनी बात कह सकते हैं, बशर्ते शांति से
और मर्यादा में रहें।
कोर्ट ने साफ कर
दिया है —
"अधिकार
जताइए, लेकिन मर्यादा में। सच बोलिए, डरिए
नहीं।"