मुख्य बिन्दु
- यह प्रतीत होता है कि बांग्लादेश
में जमात-ए-इस्लामी का पंजीकरण बहाल हो गया है, जिससे वह अब चुनाव लड़ सकती है।
- सबूत इस दिशा में संकेत करते हैं,
लेकिन राजनीतिक संवेदनशीलता के कारण इसे जटिल माना जा सकता है।
- कई विश्वसनीय समाचार स्रोतों ने 1
जून, 2025 को बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट
के निर्णय की पुष्टि की है।
पृष्ठभूमि
बांग्लादेश
में जमात-ए-इस्लामी, एक प्रमुख इस्लामी राजनीतिक
दल, को पहले प्रतिबंधित किया गया था, लेकिन
हाल के घटनाक्रम में इसके पंजीकरण को बहाल किया गया है। यह निर्णय राजनीतिक
परिवर्तनों और कानूनी प्रक्रियाओं का परिणाम है।
निर्णय और प्रभाव
1
जून, 2025 को, बांग्लादेश
सुप्रीम कोर्ट ने जमात-ए-इस्लामी के पंजीकरण को बहाल करने का आदेश दिया, जिससे पार्टी अब आगामी चुनावों में भाग ले सकती है। यह कदम पूर्व
प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को उलटने के बाद आया है।
समर्थन और स्रोत
इसकी
पुष्टि Al Jazeera, Times of India, और Arab News
जैसे स्रोतों द्वारा की गई है।
विस्तृत विश्लेषण
बांग्लादेश
में जमात-ए-इस्लामी का पंजीकरण बहाल होने और अब चुनाव लड़ने की क्षमता के संबंध
में,
यह रिपोर्ट विस्तृत विश्लेषण और संदर्भ प्रदान करती है। यह खबर 1
जून, 2025 को सामने आई, जब
बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट ने पार्टी के पंजीकरण को बहाल करने का निर्णय लिया,
जो राजनीतिक और कानूनी परिवर्तनों का परिणाम है। नीचे दी गई तालिका
और विस्तृत जानकारी इस घटना के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करती है।
ऐतिहासिक संदर्भ और समयरेखा
जमात-ए-इस्लामी,
बांग्लादेश का एक प्रमुख इस्लामी राजनीतिक दल, को 2013 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंजीकरण रद्द करने
के बाद प्रतिबंधित कर दिया गया था। यह कदम पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार
के तहत लिया गया था, जिसने 2018 में और
सख्त प्रतिबंध लगाए। हालांकि, 5 अगस्त, 2024 को हसीना के पद से हटने के बाद, अंतरिम सरकार,
जिसका नेतृत्व नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने किया,
ने अगस्त 2024 में प्रतिबंध हटाने की
प्रक्रिया शुरू की।
बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
1
जून, 2025 को, बांग्लादेश
सुप्रीम कोर्ट ने जमात-ए-इस्लामी के पंजीकरण को बहाल करने का आदेश दिया, जिससे पार्टी को चुनाव आयोग के साथ औपचारिक रूप से सूचीबद्ध किया जा सके।
इस निर्णय में, कोर्ट ने चुनाव आयोग को पार्टी के पंजीकरण को
कानून के अनुसार संभालने का निर्देश दिया। जमात-ए-इस्लामी के वकील शिशिर मनीर ने
कहा कि यह निर्णय "लोकतांत्रिक, समावेशी और
बहुदलीय प्रणाली" को बढ़ावा देगा और संसद में जीवंत
बहस की उम्मीद है।
प्रभाव और राजनीतिक निहितार्थ
इस
निर्णय से जमात-ए-इस्लामी अब आगामी चुनावों में भाग ले सकती है,
जो संभावित रूप से 2025 के अंत या 2026
की शुरुआत में हो सकते हैं, हालांकि सटीक तिथि
अभी स्पष्ट नहीं है। Al Jazeera के अनुसार, यह
निर्णय "आगामी सामान्य चुनाव तक जून 2025" के लिए पार्टी की भागीदारी को सक्षम करता है, लेकिन
यह समयरेखा कुछ अस्पष्ट है, क्योंकि वर्तमान तिथि पहले से ही
जून 2025 है। संभावना है कि चुनाव जल्द ही हो सकते हैं।
इसके
अतिरिक्त,
निर्णय राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकता है, खासकर हसीना की अवामी लीग, जो मई 2025 में अंतरिम सरकार द्वारा कानूनी कार्यवाही के लिए प्रतिबंधित की गई थी,
के साथ। यह बदलाव बांग्लादेश की 170 मिलियन
आबादी के लिए राजनीतिक गतिशीलता को बदल सकता है।
तालिकाएं और विश्लेषण
नीचे
दी गई तालिका ऐतिहासिक और हाल के घटनाक्रमों को सारांशित करती है:
घटना |
तिथि |
विवरण |
पंजीकरण
रद्द |
2013 |
सुप्रीम
कोर्ट ने जमात-ए-इस्लामी का पंजीकरण रद्द किया, हसीना
सरकार के तहत। |
अतिरिक्त
प्रतिबंध |
दिसंबर
2018 |
हाई
कोर्ट के आदेश के बाद और सख्त प्रतिबंध। |
हसीना
का पद से हटना |
5
अगस्त, 2024 |
अंतरिम
सरकार का गठन, मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व
में। |
अंतरिम
सरकार द्वारा प्रतिबंध हटाना |
अगस्त
2024 |
जमात-ए-इस्लामी
और इसके छात्र विंग पर प्रतिबंध हटाया गया। |
सुप्रीम
कोर्ट का निर्णय |
1
जून, 2025 |
पंजीकरण
बहाल, चुनाव में भाग लेने की
अनुमति दी गई। |
एक
और तालिका, जो विभिन्न स्रोतों से
जानकारी को संक्षेप में प्रस्तुत करती है:
स्रोत |
प्रकाशन
तिथि |
मुख्य
बिंदु |
1
जून, 2025 |
सुप्रीम
कोर्ट ने प्रतिबंध हटाया, चुनाव
में भागीदारी संभव। |
|
1
जून, 2025 |
दशक
लंबी कानूनी लड़ाई समाप्त, चुनाव
आयोग को पंजीकरण बहाल करने का आदेश। |
|
1
जून, 2025 |
पंजीकरण
बहाल, 1971 के युद्ध के संदर्भ
में ऐतिहासिक तनाव का उल्लेख। |
अतिरिक्त संदर्भ और विवाद
जमात-ए-इस्लामी
का इतिहास विवादास्पद रहा है, खासकर 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान इस्लामाबाद का समर्थन करने के लिए।
इसने राजनीतिक तनाव पैदा किया है, क्या यह निर्णय भारत जैसे पड़ोसी देशों के लिए चिंता का विषय हो सकता
है। इसके अलावा, पार्टी के नेता ए.टी.एम. अज़हरुल इस्लाम की
मौत की सजा को 27 मई, 2025 को उलटने का
निर्णय भी इस संदर्भ में महत्वपूर्ण है, जो 2014 में बलात्कार, हत्या और नरसंहार के लिए दी गई थी।
निष्कर्ष
सभी
उपलब्ध स्रोतों से यह स्पष्ट है कि 1 जून,
2025 को बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट ने जमात-ए-इस्लामी के पंजीकरण को
बहाल किया, जिससे पार्टी अब चुनाव लड़ सकती है। यह निर्णय
राजनीतिक परिवर्तनों और कानूनी प्रक्रियाओं का परिणाम है, और
यह बांग्लादेश की राजनीतिक गतिशीलता को प्रभावित कर सकता है।